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वि० सं० | तिथि/मिति
| प्रतिमालेख/शिलालेख | प्राप्तिस्थान
सन्दर्भ ग्रन्थ
प्रतिष्ठापक आचार्य या मुनि का नाम
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३९.
। शांतिप्रभसूरि
१२९० | माघ सुदि ५
शुक्रवार
चौबीसी पट्ट पर उत्कीर्ण | रैनूपुर तीर्थ, मारवाड़ | नाहर, पूर्वोक्त, भाग १,
लेखांक ७०२
लेख
४०.
| चक्रेश्वरसूरि
१२९३ | चैत्र वदि ८
शुक्रवार
देवकुलिका में उत्कीर्ण | विमलवसही, आबू | मुनि जयन्तविजय, आबू, भाग-२, लेख
लेखांक २८९.
१२९३ | तिथिविहीन
वादिदेवसूरि के शिष्य पद्मदेवसूरि
पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
वही, भाग २ लेखांक २३१.
१३०५ ।
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प्रद्युम्नसूरि के पट्टधर मानदेवसूरि के पट्टधर जयानन्दसूरि
शनिवार
पार्श्वनाथ की प्रतिमा की चरणचौकी पर उत्कीर्ण लेख
| वस्तुपाल द्वारा निर्मित| मुनि जिनविजय, पूर्वोक्त, भाग २, I | जिनालय, गिरनार | लेखांक ५३.
१३०७ | ज्येष्ठ वदि ५
वादिदेवसूरि संतानीय पूर्णभद्रसूरि के पट्टधर ब्रह्मदेव (पद्मदेव)सूरि
महावीर की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख
| लूणवसही, आबू
मुनि जयन्तविजय, भाग २, लेखांक ३३३.
|४४.
१३१० | चैत्र वदि २
सोमवार
| शिलालेख
नेमिनाथ जिनालय,
मुनि विशालविजय, पूर्वोक्त, परिशिष्ट लेखांक १८.
आरासणा
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अभयदेवसूरि के पट्टधर जिनभद्रसूरि के पट्टधर शांतिप्रभसूरि के पट्टधर रत्नप्रभसूरि के शिष्य हरिभद्रसूरि के शिष्य परमानन्दसूरि
बृहद्गच्छ का इतिहास