________________
बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय
२४१ (१४३) नमिनाथ-पंचतीर्थी : ___ सं० १४८२ वर्षे माघ सुदि ५ सोमे उपकेश ज्ञातीय श्रे० लूणपाल भा० पूजी पु० गांगाकेन पितृ मातृ श्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं कारितं श्रीबृहद्गच्छे श्रीनरचन्द्रसूरिपट्टे प्र० श्रीवीरचन्द्रसूरिभिः ॥ (१४४) शांतिनाथ-पंचतीर्थी :
सं० १४८२ वर्षे माघ वदि ९ बुधे उपकेशज्ञातीय सा० पाता भा० णे (पो) मादे बूल्हाकेन पित्रोः श्रेयसे श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे भ० श्रीकमलचंद्रसूरिभिः ॥ (१४५) चन्द्रप्रभ-पंचतीर्थी :
सं० १४८२ वर्षे माघ सुदि ५ सोमे उपकेश ज्ञातीय सा० रूदा भा० रूपादे० पु० उधरण सामल सहितेन श्री चंद्रप्रभस्वामि बिंबं का० श्रीबृहद्गच्छे प्र० श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः ॥ (१४६) आदिनाथ-पंचतीर्थी :
संवत् १४८५ वर्षे ज्येष्ठ (ष्ठ) सुदि १३ सोमे उपकेशज्ञातीय सा० घेता भा० रांकुं पुत्र सलषा भा० राजलदे सं० पितृमातृश्रे० श्रीआदिनाथबिंब का० श्रीबृहद्गच्छे प्रतिष्ठितं श्रीगुणसागरसूरिभिः ॥ (१४७) चन्द्रप्रभ-पंचतीर्थी :
सं० १४८६ वर्षे वैशाख सुदि ७ सोमे श्री श्री दूगड़गोत्रे सा० अर्जुन पुत्रेण सा० उदयसिंहेन भार्या जयताही पु०सा० मूला सा० नागराज सा० श्रीपालादियुतेन आत्मश्रेयसे श्रीचंदप्रभं कारितं प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छीय श्रीमुनीश्वरसूरिपट्टे (रत्न)प्रभसूरिभिः ॥ १४३. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी० जे०ले०सं०, लेखांक ७१८. १४४. अनुपूर्ति लेख, आबू, अ० प्रा० जे०ले०सं०, (आबू - भाग-२) लेखांक ६२०. १४५. महावीर स्वामी का मंदिर, डागों की गुवाड़, बीकानेर, बी० जे०ले०सं०, लेखांक १५३० १४६. भण्डारस्थ प्रतिमा, गौडी जी का मंदिर, उदयपुर, प्रा०ले०सं०, लेखांक १३३. १४७. जैन मंदिर, पटना, जै० ले० सं०, भाग १, लेखांक २७४.
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org