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अध्याय-५
९१ उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों से यद्यपि इस गच्छ के कुछ मुनिजनों को छोड़कर अन्य का साहित्यिक साक्ष्यों में कोई उल्लेख नहीं मिलता। अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर इस गच्छ के मुनिजनों के गुरु-परम्परा की छोटी-छोटी तालिकायें संकलित की जा सकती हैं जो निम्नानुसार हैं -
चन्द्रकुलीन संविग्नविहारी वर्धमानसूरि
चक्रेश्वरसूरि (वि०सं० ११८७-१२०८)
परमानन्दसूरि (वि०सं० १२१४)
मुनि जिनविजयजी? ने चक्रेश्वर की जगह भद्रेश्वर पाठ दिया है, जो भ्रामक है।
(२)
बुद्धिसागरसूरि
अभयदेवसूरि
जिनभद्रसूरि (वि० सं० १२०५)
शांतिप्रभसूरि
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