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सफलता के साधन
कार्यों की विविधता के समान सफलता भी अनेक तरह की है । परन्तु उन सभी सफलताओं का उद्देश्य " नीवन सुखी रहे" यही है, और उसके साधन ये हैं
१. सदा सत्य बोलो, किसी के प्रभाव, बहकाव या दवाव में आकर झूठ मत बोलो ।
२. निर्भीकता से रहो
३. किसी से आर्थिक या किसी भी तरह के लाभ की आशा मत करो ।
४. किसी से यश की आशा मत करो ।
५. किसी से अन्न, वस्त्र, या किसी भी पदार्थ की याचना मत करो ।
६. जिस कार्य के लिये हृदय सहमत हो, यदि वह शुभ कार्य है तो अवश्य करो ।
७. स्वीय रागादिक मेटने की चेष्टा करो ।
८. परकी प्रशंसा या निन्दा से स्वरूप परान्मुखता न हो जावे इस ओर निरन्तर सतर्क रहो ।
६. मन और इन्द्रियों को सदा अपने वश में रखो !
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