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"वर्णीवाणी” द्वितीय संस्करण
सङ्कलित सामग्री १-मेरी जीवन-गाथा। २-पूज्य वर्णीजी द्वारा लिखे गये लेख । ३-वर्णीजी की पांच वर्ष की दैनन्दिनी (डायरियां )। ४-वर्णीजी के २८ वर्ष के प्राचीन लेख ।
५-सागर, ढाना, जबलपुर, मुरार, ग्वालियर आदि की शास्त्र. सभा और आम सभाओं में दिये गये भाषणों के संस्मरण जो मैं उस समय स्वयं लिख सका।
६-वर्णीजी द्वारा उनके भक्तों को लिखे गये ७०० पत्र ।
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