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चेतन्य कर्मचरित्र
मोहक || व्याहीचेतनराय || कहोना यह कौन है || राखी किहूं ज़ुकाय || || तबचेतन हसीयों कहे ॥ अबतोसुनही नेह ॥ मनलागो यानारितुं || माहासुबुधिगुनगेह ॥ १० ॥ तबेकुबुधिरिसायके || गइपि ताकेपास ॥ याजपीयहमपर हरी ॥ तातेन श्नदास ॥ ११ ॥ ॥ चोपनी ढाल ॥
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तबेमोहनृपबोलैबैन ॥ सुनपूत्रि सिकाएकयेन ॥ तुमन मे मत है दिल गीर ॥ बांधीमगावतहूंतुमतीर ॥ १ ॥ तबभेज्यो एककामकुमार ॥ जोस बडतोमहेसीरदार ॥ कहोब चनतुममराजाय ॥ क्योंरेच्छं धा धर्मिथाय H ३ ॥ व्याहीतियं मे क्योंकूर ॥ कहांगयोतेरोबल सूर ॥ केतोपाय पमोतूमच्छाय ॥ केलरखेकी करहोसजाय || ३ || ऐसेबचनदूत अवधा रि ॥ आयो चेतन पास विचारि ॥ नृपकैवैनयेनसबकहे || सुनीकेचेत नरीसगहिरहे ॥ ४॥ अब हमलाकों पर सेनाहिं | निजबल राजकरेजग माहिं | जायकहो छापनेनृपपास ॥ बिनमेकरों तुम्हरोनास ॥ ५ ॥ तुम मनमेमत करोर्गुमान ॥ हमबहुहिंच्या विहसुजान ॥ करियावोच्य सवारी वेग ॥ मेंनीबांधीतुमपेतेग || ६ || ऐसेबचनसुनत विकराल ॥ दूतलखे यहकोप्योकाल ॥ उनसो तो जब व्हेहैरार ॥ तबलों मोहिनमारेमार ॥ ७ ॥ तवमनमेव्यहकियोविचार | अबके जोराखे किरतार || तो फिरइनकोना नंनलेनं ॥ चेतनकोपुरसबत जिदेनं ॥ ६ ॥ तबबोले चेतनराजांन ॥ जा होदुततमच्यपनेथांन ॥ फिरिमतच्याव होए हिपुरमाहिं ॥ देखच्ाबब चिहो फुनिनाहिं | ए ||
॥ सोरठा ॥
पुतलयो प्रस्ताव ॥ मनमेतो आसीन हुती ॥ नलोबन्यो हदाव छायोराजामोहापैं ॥ १ ॥ कहेस बेसमुक्काय || बाताचेतनरायकी
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