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________________ ११४ ( ५८१ ) ॥ संवत् १९१२ वर्षे फाल्गुन शुक्ल ..... . श्रीमालवंशे ढोरगोत्रे जीवनलाल तद्भार्या....चारित्र उदयउपदेशेन श्रीमदृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः ॥ प्रतिष्ठा - लेख - संग्रह: द्वितीयो विभागः (५८२) आदिनाथ - सपरिकरः ॥ सं० १९१२ शाके १७७७ फाल्गुन मासे शुक्लपक्षे २ तिथौ श्रीमालवंशे फोफलीया गोत्रीय खूबचंद तत्पुत्र बहादुरसिंह चारित्र उदय उपदेशेन .... . श्री आदिनाथजिनबिंबं कारितं प्रति० श्रीमद्बृहद्भट्टारकखरतरगच्छे श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः ॥ ( ५८३ ) आदिनाथ: ॥ सं० १९१२ वर्षे शाके १७७७ फाल्गुन मासे सु० २ तिथौ श्रीमालवंशे फोफलीयागोत्रे बहादुरसिंहेन आदिजिनबिंबं का० चारित्रउदय उपदेशेन श्रीमद्बृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः (५८४) सिद्धचक्रयंत्रम् संवत् १९१५ ना श्रावण सुदि ७ शुक्रे शाह जयसिंहस्य भार्या सूरज ओसवालवृद्धशाखायां सिद्धचक्र करापितं ॥ (५८५) सिद्धचक्रयंत्रम् संवत् १९१५ ना श्रावण सुदि ७ शुक्रे शाह । जयसिंहस्य भार्या सूरज ओसवालवृद्धशाखायां सिद्धचक्र करापितं ॥ (५८६) मुनिसुव्रतः ॥ सं ॥ १९१६ वै० सुदि ६ गुरौ श्री स०माधोपुर महाराजाधिराज श्रीस० पृथ्वीसिंघजी विजयराज्ये श्रीमूलसंघेलींगा गोत्रे संघवी श्रीमुनिसुव्रतस्य बिंबं । ५८१. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५८२. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५८३. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५८४. मेड़ता सिटी वासुपूज्य मन्दिर ५८५. मेड़ता सिटी वासुपूज्य मन्दिर ५८६. जयपुर विजयगच्छीय मन्दिर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003984
Book TitlePratishtha Lekh Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherVinaysagar
Publication Year2003
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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