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समर्पण
जिन से जीवन पथ पर चलने के लिये नेत्र मिले !
परम श्रद्धेय प्रातः स्मरणीय गुरुमह
__ श्रमण धर्म के मुकुट योगिराज श्री रामजीलाल जी महाराज
अनन्त आस्था के साथ
-सुभद्र मुनि
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