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... 1.
पारिवारिक हिंसा अर्थात् दूसरों को प्रताड़ित करने की वृत्ति भी परिवार की अशांति एवं तनाव का कारण बनती हैं।28 गेलीज और स्ट्राउस एवं कुछ अन्य समाजशास्त्रियों का यह मानना है कि परिवार हिंसा का एक बड़ा केन्द्र है, जहाँ प्रत्येक सदस्य दूसरों पर शासन करना चाहता
2.
द्विपक्षीय सम्बन्धों की अस्थिरता की प्रवृत्ति भी पारिवारिक सम्बन्धों में तनावों को जन्म देती है। पारिवारिक जीवन में जन्म, मृत्यु एवं सामाजिक परम्पराओं के निर्वाह के कारण पारिवारिक-संरचना निरन्तर परिवर्तन के दौर से गुजरती रहती है। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप परिवार में तनावों की अनेक स्थितियाँ पैदा हो जाती है। समाज में प्रत्येक परिवार की चाह होती है कि उसके सदस्यों को पर्याप्त मात्रा में भोजन, कपड़ा, आवास आदि की सुविधाएं मिले। किन्तु परिस्थितिवश परिवार के हेतु अर्जन करने वाले सदस्यों द्वारा अपेक्षित सुविधाओं के संसाधनों को नहीं जुटा पाने के कारण उस परिवार के सदस्य तनावग्रस्त हो जाते हैं।32 जब परिवार में दो भाईयों या अन्य सदस्यों के बीच झगड़ा होता है या कोई परिवार से पृथक् (अलग) होता है, तब भी पूरे परिवार में तनाव का माहौल उत्पन्न हो जाता है।
5.
28 पारिवारिक शांति और अनेकान्त - डॉ. बच्छराज दुग्ड़, पृ. 19 29 (A) Gelles Richard and Murray A. Stuaus. - Determinats of violence in the family : Toward a theoretical Integration. (b) In W.Burs R. Hill, I-I Nye and I Reias (Eds.); Contemporary. theories About the family. (c) new York: Free Press, 1978, पारिवारिक शांति और अनेकांत, पृ. 36 30 Simmel. Georg. Conflict and the web of group affiliations. Free Press, 1955 (1908) । पारिवारिक शांति और अनेकान्त - डॉ. बच्छराज दुग्ड़, पृ. 19 32 पारिवारिक शांति और अनेकान्त - डॉ. बच्छराज दुग्ड़, पृ. 26
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