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पूर्वजन्म : पुनर्जन्म
हम अपनी जन्म-जन्मान्तर की कहानी के फिर से प्रकाशित हुए नये संस्करण हैं। कई बार हमारे लघुसंस्करण सामने आए हैं, तो कई बार जरूरत से ज्यादा विस्तृत । जोड़-तोड़, सार - विस्तार सदा जारी रहा है। हर जन्म हमारे लिए पुरस्कार स्वरूप होता है । हम जीवन और जगत् के रास्तों से गुजरते हैं। सही ढंग से न गुजर पाने के कारण अबोध - दशा में ही मर जाते हैं। जो संसार की पाठशाला में आकर यहाँ के पाठों को ठीक ढंग से नहीं पढ़ पाता, मृत्यु उसकी परीक्षा लेती है, अनुत्तीर्ण हो जाने पर वापस उसी पाठशाला में भेज दिया जाता है । पुनर्जन्म के पीछे यही पृष्ठभूमि है ।
जीवन तो एक लम्बी शृंखला है। हर जन्म एक नई कड़ी बनता है और इस तरह जन्म-जन्मान्तर की यह जंजीर
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