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जैसी आशा और विश्वास भरी सोच को अपने दिलो-दिमाग़ में जगह दीजिए। निराशा भरी सोच आदमी के जीवन की मौत है। वही आशा और उत्साह भरी सोच आदमी के जीवन की जीवन्तता। जिनकी सोच नकारात्मक होती है वे हर काम को कल पर टालना चाहते हैं । वहीं सकारात्मक सोच के व्यक्ति कार्य को करने के लिए हर समय तैयार रहते है । नकारात्मक सोच के लोग ही हारने पर कहते है कि हम हार गए, हम जीत नहीं सकते, वही सकारात्मक सोच के व्यक्ति यह कहते हुए मिलेंगे कि हम फिर प्रयास करेंगे और जीत कर दिखाएंगे। नकारात्मक विचारधारा हमेशा मामूली चीजों से अपनी प्रतिस्पर्धा करती है, जबकि सकारात्मक विचारधारा सर्वोत्तम से प्रतिस्पर्धा में विश्वास रखती है। __ मनुष्य की मानसिक शांति, स्वस्थता और प्रसन्नता के लिए सकारात्मक सोच और बेहतर नज़रिया सर्वश्रेष्ठ उपाय है। अगर कोई आपसे पूछे कि आप कैसे है तो ऐसा मरियल ज़वाब न दे ठीक है, ज़िंदगी गुजर रही है। इसके बजाय आप बोले जी भला चंगा हूँ आपको देखकर खुशहाली और बढ़ गई है। सकारात्मक सोच के लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाए। छोटी सोच का त्याग करें। ऊंची सोच और विचारधारा का स्वागत करें। अपनी घिसी-पिटी दिनचर्या को बदलें और उसमें नए रचनात्मक आयाम जोड़े। मेरी मानसिक शांति और मेरी मानसिक ऊर्जा का अगर मैं किसी को श्रेय दूं तो वह सकारात्मक सोच है। आप भी सकारात्मक सोच को अपनाएं और जीवन में इसके बेहतरीन सुफल पाए।
सांतवा उपाय : एकाग्रता का अभ्यास करें और स्मरणशक्ति बनाए रखने वाले ट्रिक्स अपनाएं।एकाग्रता का अभ्यास करने के लिए आप किसी जलती हुई मोमबत्ती या लौ पर लगातार तीन मिनट तक देखते रहें अथवा घर या बगीचे में खिले हुए किसी गुलाब के फूल पर अपनी आंखों को केन्द्रित करें एकाग्रता के इस अभ्यास से आप किसी भी बिन्दु पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। अपने ललाट अर्थात अग्र मस्तिष्क पर पांच से दस मिनट के लिए ध्यान
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