SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ से तत्थ आगमे सिया सुएणं वबहारे पट्टचियचे सिया, नो से तत्थ सुए सिया जहा से तत्थ आणा सिया आणाए ववहारे पट्टवेयवे सिया, नो से तस्थ आणा सिया जहा से तत्व धारणा सिया धारणाए ववहारे पट्टवेयव्ये सिया, णो से तस्थ धारणा सिया जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारे पट्टवेयव्ये सिया, एएहिं पंचहिं ववहारेहिंयवहारं पडवेजा, तंजहा-आगमेणं मएणं आणाए धारणाए जीएणं, जहा२आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा २ ववहारं पट्टविजा, से किमाहु भन्ते!?, आगमबलिया समणा निग्गन्या, इइयं पंचविहं ववहारं जया २ जहिं २ जहा २ तहिं २ अणिस्सिओवस्सियं ववहारं ववहरमाणे समणे निग्गन्थे आणाए आराहए मवति ७१५।३। चत्तारि पुरिसजाया पं० तं०- अहकरे नाम एगे नो माणकरे माणकरे नामं एगेनो अट्ठकरे एगे अट्ठकरेवि माणकरेवि एगेनो अट्ठकरे नो माणकरे '७२९।४। चत्तारि पुरिसज्जाया पं००-गणट्ठकरे नाम एगे नो माणकरे माणकरे नाम एगे 8 नो गणट्ठकरे एगे गणट्ठकरेवि माणकरेवि एगे नो गणटकरे नो माणकरे '७३३१५/चत्तारि पुरिसज्जाया ५० त०. गणसंगहकरे नाम एगे नो माणकरे माणकरे नाम एगेनो गणसंगहकरे एगे गणसंगहकरेवि माणकरेवि एगे नो गणसंगहकरे नो माणकरे ७३५।६। चत्तारि पुरिसज्जाया पं० सं०-गणसोहकरे नाम एगे नो माणकरे माणकरे नाम एगे नो गणसोहकरे एगे गणसोहकरेवि माणकरेवि एगे नो गणसोहकरे नो माणकरे।७। चत्तारि पुरिसज्जाया पं० त०-गणसोहिकरे नाम एगेनो माणकरे माणकरे नाम एगे नो गणसोहिकरे एगे गणसोहिकरेवि माणकरेवि एगे नो गणसोहिकरे नो माणकरे '७३९।८। चत्तारि पुरिसजाया पं० त०-रूर्व नामेगे जहइ नो धम्मं धम्मं नामेगे जहइ नो रूवं एगे रूबंपि जहइ धम्मपि जहइ एगे नो रूवं जहइ नो धम्मं जहइ'७४३' ।। चत्तारि पुरिसजाया पं० २०-धम्मं नामेगे जहइनो गणसंठिइं गणसंठिई नामेगे जहइ नो धम्म एगे गणसंठइंपि जहह धम्मपि जहइ एगे नो गणसंठिई जहइ नो धर्म जहइ '७४७।१०। चत्तारि पुरिसजाया पं० २०-पियधम्मे नामेगे नो दढधम्मे ददधम्मे नामेगे नो पियधम्मे एगे पियधम्मेवि वढयम्मेवि एगे नो पियधम्मे नो दढधम्मे '७५१ ।११। चत्तारि आयरिया पं० त०-पञ्चावणायरिए नामेगे नो उवट्ठावणायरिए उवट्ठावणायरिए नामेगे नो पञ्चावणायरिए एगे पचावणायरिएवि उवट्ठावणायरिएवि एगे नो पञ्चावणायरिए नो उवट्ठावणायरिए, धम्मायरिए '७५६।१२। चत्तारि आयरिया पं० त० उद्देसणायरिए नामेगे णो वायणायरिए वायणायरिए नामेगे नो उद्देसणायरिए एगे उद्देसणायरिएवि वायणायरिएवि एगे नो उद्देसणायरिए नो वायणायरिए, धम्मायरिए '७५७।१३। चत्तारि अंतेवासी पं० त० पावणअंतेवासी णामेगे णो उवट्ठावणअंतेवासी उवट्ठावणांतेवासी णामेगे णो पधावणअंतेवासी एगे पञ्चा० उवट्ठा० एगेनो पञ्चा० नो उव०, धम्मअंतेवासी॥१४॥चत्तारि अंतेवासी पं० सं०-उदेसणन्तेवासी नामेगे नो वायणन्तेवासी वायणन्तेवासी नामेगे नो उद्देसणन्तेवासी एगे उद्देसणन्तेवासीवि वायणन्तेवासीवि एगेनो उडेसणन्तेवासी नो वाय भूमीओ पं० त० जाइघेरे सुयधेरे परियायथेरे, सट्ठिवासजायए समणे निम्गन्थे जाइयेरे ठाणसमवायघरे समणे निग्गन्ये सुययेरे वीसवासपरियाए समणे निम्मन्ये परियाययेरे '७६४' ।१६। तओ सेहभूमीओ पं० सं०-सत्तराईदिया चाउम्मासिया छम्मासिया, छम्मासिया उक्कोसिया चाउम्मासिया मज्झिमिया सत्तराइन्दिया जहनिया '८०७।१७। नो कप्पड़ निग्गन्धाण वा निग्गन्थीण वा खुड्डगं या सुड्डियं वा ऊणवासजाय उवडावेत्तए वा संभुञ्जित्तए वा ।१८। कप्पइ निग्गन्थाण वा निम्गन्थीण वा खुड्डगं वा खुड्डियं वा साइरेगढवासजायं उबट्ठावेत्तए वा संभुञ्जित्तए वा '८१४।१९। नो कप्पद निग्गन्याण वा निम्गन्धीण वा खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा अवञ्जणजायस्स आयारपकप्पे नामं अज्झयणे उरिसित्तए।२०। कप्पइ निग्गन्धाण वा निग्गन्थीण वा खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा वाणजायस्स आयारपकप्पे नामं अज्झयणे उद्दिसित्तए '८१७।२१ । तिवासपरियायस्स समणस्स निग्गन्धस्स कप्पइ आयारपकप्पे नामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ।२२। चउवासपरियागस्स समणस्स निग्गन्यस्स कप्पइ सूयगडे नाम ओ उदिसित्तए ।२३। पत्रावासपरियायस्स समणस्स निग्गन्धस्स कप्पड दसाकप्पववहारा णाम अज्झयणं उदिसित्तए ।२४। अट्ठवासपरियायस्स समणस्स निग्गन्धस्स ठाणसमवाए नाम अङ्गे उद्दिसित्तए।२५। वसवासपरिया० कप्पड वियाहे नाम अने उदिसित्तए ।२६। एक्कारसवासपरिया० कप्पइ खुड्डिया विमाणपविभत्ती महलियविमाणपविभती अङ्गलिया पम्म(ग)लिया पियाहलिया नाम अझयण उदिसित्तए।२७। वारसवासपरिया०कप्पइ अरुणविवाए गरुलांववाएधरणविवाएसमणविवाए बेलंघरोववाए नाम अज्झयणे उदिसित्तए।२८। तेरसवासपरिया कप्पइ उट्ठाणसुए समुद्राणमुए देविदोषवाए नागपरियावणि(लि)या नाम अज्झयणे उहिसित्तए।२९। चोइसबासपरिया कप्पइ सुमिणभावणा नाम अज्झयणे उद्दिसित्तए।३०। पत्र रसवासपरिया० कप्पड़ चारणभावणा नाम अज्झयणे उहिसित्तए ।३१। सोलसवासपरिया कप्पड़ तेयनिसर्ग० ॥३२सत्तरसवासपरिया० आसीविसभावणा नाम अज्झयणे उद्दिसि नए।३३। अट्ठारसवासपरिया. कप्पड़ दिट्ठीविसभावणा नामं अज्झयणे० ॥३४॥ एगूणवीसइबासपरिया कप्पड़ विहिवाए नाम अक्गे उदिसित्तए।३५। बीसवासपरियाए समणे । ९७९ च्यवहारःसूत्र, उत्सो -२० मुनि दीपरत्नसागर
SR No.003936
Book TitleAagam Manjusha 36 Chheyasuttam Mool 03 Vavahaaro
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Sagaranandsuri
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages14
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy