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खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया: सच्छन्नं जाव चाउम्घटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव पचप्पिणह, नए णं ने कोटुंबियपुरिसा नहेब पडिसुणित्ता खिप्पामेव सच्छत्तं जाच जुट्सर्ज चाउरघंटं आसरहं जुत्तामेव उपवेन्ति नमाणनियं पचप्पिणंति, नए णं से चित्ते सारही कोटुंबियपुरिसाणं अंनिए एयमर्दु जाब हियए व्हाए कयवलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छिने सन्नवदवम्मियकवए उष्पीलियसरासणपट्टिए पिणिद्धगेविजे बदआविद विमलवरचिंधपट्टे गहियाउहपहरणे नं महत्थं जाव पाहुई गेण्हइ ना जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ ना चाउरघंट आसरहं दुरूहेति बहहिं पुरिसेहि सनद जाव गहियाउहपहरणेहिं सदि संपरिखुडे सकोरिटमाटदामेणं छनेणं घरेजमाणेणं महया भटचरगररहपहकरविंदपरिक्खिने साओ गिहाओ णिग्गच्छा सेयवियं नगरि मझमज्झेणं णिगच्छद ता मुहेहिं वासेहिं पायरासेहिं नाइविकिडेहि अंतरा वासेहिं वसमाणे केइयअद्धस्स जणवयस्स मझमज्झेणं जेणेव कुणालाजणवए जेणेव सावत्थी नयरी तेणेव उवागच्छति ना सावत्थीए नयरीए मामझेणं अणुपविसइ जेणेव जियसत्तुस्स रपणो गिहे जेणेव वाहिरिया उबट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छद ना तुरए निगिव्हडना रहं ठवेति त्ता रहाओ पचोरुहडतं महत्थं जाव पाहुडं गिण्हा त्ता जेणेव अभिनरिया उबट्टाणसाला जेणेव जियसन रा च्छइत्ता जियस रायं करयलपरिग्गहियं जाव कटु जएणं विजएणं वदावेइ नातं महत्थं जाव पाहुडं उवणेइ, नए णं से जियसत्तू राया चित्तस्स सारहिस्स तं महन्थं जाव पाहुई पडिच्छइ ना चित्तं सारहि सकारेइ सम्माणेति त्ता पडिविसजेइ रायमग्गमोगाढं च से आवासं दलयइ, तए णं से चित्ने सारही विसजिते समाणे जियसत्तुस्स रनो अंतियाओ पडिनिक्खमइत्ता जेणेव बाहिरिया उबट्ठाणसाला जेणेव चाउघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ ना चाउरघंटं आसरहं दुरूहद सावत्यि नगरि मझमझेणं जेणेव रायमग्गमोगाटे आवासे तेणेव उवागच्छइ ना तुरए निगिहण्ड ना रहं ठवेइत्ता रहाओ पचोम्हइ, व्हाए कयवलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते मुदप्पावेसाई मंगलाई पत्याई पवरपरिहिते अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरे जिमियभुनुत्तरागएऽविय णं समाणे पुवावरण्हकालसमयंसि गंधहि य णाडगेहि य उपनबिजमाणे उवगाइजमणे उवलालिजमाणे इवे सहफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोए पचणुभवमाणे विहरइ ।५२॥ तेणं कालेणं० पासावचिजे केसी नाम कुमारसमणे जानिसंपण्णे कुलसंपण्णे बलसंपण्णे रुवसंपण्णे विणयसंपण्णे नाणसंपण्णे दसणसंपन्ने चरित्तसंपण्णे लज्जासंपण्णे लाघवसंपण्णे ओयंसी तेयंसी वचंसी जसंसी जियकोहे जियमाणे जियमाए जियलोहे जियणिदे जितिदिए जियपरीसहे जीवियासमरणभयवि. प्पमुके वयप्पहाणे गुणप्पहाणे करणप्पहाणे चरणप्पहाणे निम्गहपहाणे अजवष्पहाणे महवप्पहाणे न्टाघवष्पहाणे खतिप्पहाणे मुत्तिप्पहाणे विजप्पहाणे मंतपहाणे बंभपहाणे नयप. हाणे नियमप्पहाणे सचप्पहाणे सोयप्पहाणे नाणप्पहाणे दंसणप्पहाणे चरित्नप्पहाणे च उदसपुत्री च उणाणोवगए पंचहि अणगारसएहिं सदि संपरिपुडे पुटाणुपुचि चरमाणे गामाणुगाम दुइजमाणे सुहंमुहेणं विहरमाणे जेणेव सावत्थी नयरी जेणेव कोट्ठए चेहए नेणेव उवागच्छड ना सावस्थीए नयरीए बहिया कोट्टए चेहए अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिव्हइत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरद । ५३। तए णं सावत्थीए नयरीए सिंघाडगतियचउक्कचचरचउम्मुहमहापहपहेसु महया जणसदेड वाजणचूहेड वा जणकलकलेड वा जणबोलेड वा जणउम्मीइ वा जणउक्कलियाइ वा जणसन्निवाएइ वा जाच परिसा पब्रुवासइ, तए णं नस्स चित्तस्स सारहिस्स तं महाजणसई च जणकलकलं च मुणेत्ता य पासेना व इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-किण्णं खलु अज सावत्थीए णयरीए इंदमहेइ वा खंदमहेइ वा सहमहेइ वा मउंदमहेइ वा नागमहेइ वा भूयमहेइ वा जक्समहेइ वा धूभमहेइ वा चेइयमहेइ वा रुक्समहेइ वा गिरिमहेइ वा दरिमहेइ वा अगडमहेइ वा नईमहेड वा सरमहेइ वा सागरमहेड वा जणं इमे बहवे उग्गा भोगा राइन्ना इक्सागा खत्तिया णाया कोरवा जाव इग्मा इन्भपुत्ता व्हाया कयचलिकम्मा जहोववाइए जाव अप्पेगतिया हयगया जाव अप्पे० गयगया अप्पे पायचारविहारेणं महया वंदावंदएहि निम्गच्छति, एवं संपेहेइत्ता कंचुइ. जपुरिसं सद्दावेइ ना एवं व०-किणं देवाणुप्पिया ! अज्ज सावत्थीए नगरीए इंदमहेइ वा जाव सागरमहेइ वा जेणं इमे बहवे उग्गा भोगाणिग्गच्छति ?, तए णं से कंचुइपुरिसे के. सिम्स कुमारसमणस्स आगमणगहियविणिच्छए चित्तं सारहिं करयलपरिग्गहियं जाव वदावेना एवं १०-णो खलु देवाणुप्पिया! अज सावत्थीए णयरीए इंदमहेइ वा जाव सागर - महेड वा जेणं इमे बहवे जाब विंदार्षिदएहिं निग्गपति, एवं खलु भो देवाणप्पिया! पासावबिजे केसीनाम कुमारसमणे जाइसम्पन्ने जाच दहजमाणे इहमागए जाब विहरर तेणं अज सावत्थीए नयरीए बहवे उग्गा जाय इन्भा इन्भपुत्ता अप्पेगतिया वंदणवत्तियाए जाव महया वंदावंदएहिं णिग्गच्छति, तए णं से चिले सारही कंचुइपुरिसस्स अंतिए एयम१ सोचा निसम्म हट्टतुट्ठजाचहियए कोटुंबियपुरिसे सदावहता एवं व०-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! चाउग्घंट आसर जुत्तामेव उवट्टवेह जाव सच्छत्तं उबट्टवेंति. तए णं से चित्ते सारही व्हाए कयचलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सुदपावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिते अप्पमहन्याभरणालंकियसरीरे जेणेव चाउघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ त्ता चाउ५९१ राजपनीयं, पारि
मुनि दीपरनसागर