________________
पुरुषार्थ
क्यों करते हो किसी की जी - हज री,
इर्द - गिर्द चमचागिरी ? खानी चाहिये तुम्हें कमाई पसीने की। दो हाथ मिले हैं
श्रम करो वर्षा होगी
घर में सोने की।
७०
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org