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योग का प्रथम द्वार
यम
अंधेरे तो हैं, रहेंगे, घेरेंगे बिन बुलाए आएँगे लगा मुखौटे, दिव्यता और भव्यता के हरि गुण गाएँगे छुपाने को कुटिलता, चंदन लगाएंगे अंधेरे तो हैं अंधेरे घेरते हैं घेरने दो अंधेरों से क्या लड़ना क्या उनसे झगड़ना
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