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खाली नहीं, खुला रखें दिमाग
व्यक्ति अपने उठने-बैठने, चलने-फिरने, बोलचाल, व्यवहार में शालीनता का ध्यान रखता है तो यही उसकी कुलीनता है। अच्छा जीवन इन्सान के अच्छे नज़रिये से, अच्छे तौर-तरीके और अच्छे व्यवहार से बनता है । केवल सुन्दर पहनावा, सुन्दर जूते, आकर्षक शृंगार मात्र दो घंटे के लिए आपकी सुन्दरता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन अच्छा व्यवहार सदा सुंदर बनाए रखता है। गोरा रंग तीन दिन और अधिक धन तीस दिन अच्छा लगता है । उसके बाद व्यक्ति न तो रंग के साथ जीता है, न धन के साथ, वह तो व्यवहार के साथ जीता है। गोरा पति या पत्नी थोड़े समय ही अच्छे लगते हैं, धन भी कुछ देर तक साथ निभा देता है, लेकिन अंततः तो स्वभाव और अच्छा व्यवहार ही साथ रहने योग्य रहता है । काली पत्नी चलेगी बशर्ते उसका स्वभाव और व्यवहार अच्छा हो। वह गोरा पति या पत्नी किस काम के जो झगड़ालू, कषायग्रस्त, वैर-विरोध की गाँठ बांधे रहें और सदा गुस्से से भरे रहें। वे तो उस चूने की तरह हैं जो दिखने में सुंदर - सफेद हैं, पर एक चम्मच मुँह में डालो तो अक्ल ठिकाने पर आ जाती है ।
जीवन में रंग - रूप और धन की इतनी कीमत नहीं है जितनी कि नेक व्यवहार, श्रेष्ठ आचार और निर्मल विचारों की है । चरित्र और व्यवहार में मेलजोल बनाएँ। जीवन में खाली नहीं, खुले दिमाग़ के रहें । हर किसी की बात को खुले दिमाग़ से सुनो फिर चाहे उसे स्वीकारो या न स्वीकारो, पर सुनने के लिए दिमाग़ खुला तो रखो।
अच्छाई मेरी तो बुराई भी
व्यक्ति अपने व्यवहार से अपनी शख़्सियत को प्रभावी बना सकता है । बेहतर जीवन और प्रभावी शख़्सियत के निर्माण के लिए आवश्यक है कि आप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। जो आपकी ज़वाबदारियाँ हैं उनसे मुँह मोड़ने की बजाय उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। अपने घर में हर अच्छे कार्य का श्रेय अगर आप लेना चाहते हैं तो जब कुछ बुरा घट जाए तो उसकी जिम्मेदारी भी आप ही लेना । अच्छे कार्य का श्रेय तो सभी लेना चाहते हैं, लेकिन बुरा काम दूसरे के नाम मढ़ देते हैं। ऐसा कभी न करें। उस बुरे या गलत काम की जिम्मेदारी आप स्वीकार करें, दूसरों पर न डालें। ध्यान रखें,
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