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________________ चिंताओं से घिरे रहे। चेहरे पर दाढ़ी बढ़ गई, चेहरा सिकुड़ गया, शरीर कमजोर हो गया। स्वेट मार्डन घर के पिंजरे में ही कैद होकर रह गये। एक दिन उन्होंने सुबह के अखबार में पढ़ा कि एक युवक ने आत्महत्या कर ली। जब उन्होंने संपूर्ण विवरण पढ़ा तो पता लगा कि वह युवक उसी युवती का पति था जिसके प्रेम में वे पागल थे। समाचार था कि वह लड़की बहुत क्रोधी स्वभाव की थी, उसके गुस्से से तंग आकर उस युवक ने आत्महत्या कर ली थी। उसने मरने से पहले नोट लिखा कि, 'मुझे इतनी गुस्सैल पत्नी मिली है कि मैं सहन नहीं कर पा रहा हूं और आत्महत्या कर रहा हूं।' स्वेट मार्डन जो अब तक उदासी के समंदर में डूबे था, एकदम किनारे आ लगे कि, 'ओह! ईश्वर जो करता है अच्छे के लिये करता है।' अगर मैं उस लड़की से शादी कर लेता तो आज अखबार में मेरी आत्महत्या करने की खबर होती। शुक्रिया या रब, अच्छा किया आपने बचपन में एक कहानी सुनी होगी कि एक राजा का अंगूठा कट गया। उसने यह बात मंत्री को बताई। मंत्री ने कहा, ' उदास न हों राजन् जो होता है अच्छे के लिये होता है।' राजा यह बात सुनकर क्रोधित हो गया कि उसका तो अंगूठा कट गया है और मंत्री कह रहा है जो होता है अच्छे के लिये होता है। उसने मंत्री को कारागार में डलवा दिया। कई दिन बीते, राजा जंगल में शिकार खेलने गया। सैनिक इधर-उधर भटक गये वह अकेला चलता फिरता आदिवासियों की एक बस्ती में पहुंच गया। वे क्या जानें कि कौन राजा कौन प्रजा! उन्होंने उसे पकड़ लिया क्योंकि उन्हें किसी न किसी आदमी की बलि देनी थी। उनके गुरु ने कहा था कि अपना कार्य सिद्ध करना चाहते हो तो किसी श्रेष्ठ पुरुष की बलि दो, तुम्हारा काम सिद्ध हो जाएगा। आदिवासी उस राजा को पकड़कर गुरु के सामने लाए और कहा, 'लीजिए इसकी बलि दीजिए।' राजा ने बहुत समझाया पर वह भीड़ कहाँ मानने को तैयार थी, गुरु ने मंत्रोच्चार आरंभ किये और आदेश दिया कि बलि चढ़ाई जाए। तभी यकायक उसकी नजर पड़ी कि राजा का अंगूठा नहीं है। गुरु ने कहा, 'इसे छोड़ दो क्योंकि इसका अंग भंग है और जिसका अंग-भंग हो उसकी बली देवी स्वीकार नहीं करती।' 32 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003885
Book TitleJivan ki Khushhali ka Raj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2006
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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