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सफलता किसी एक दिन का चमत्कार नहीं है। हमारे द्वारा निरन्तर किये जाने वाले श्रम, संघर्ष और कर्मयोग का परिणाम है। अगर आप सदाबहार सुख और शांति का, आनन्द और आज़ादी का अनुभव कर रहे हैं, तो निश्चय ही आप सफल हैं। सफलता की ओर बाँहें फैलाने वालों को असफलताओं का सामना करना भी आना चाहिए। आपके द्वारा अब तक जो कुछ हुआ, गलत या सही, इतना तय है कि प्रयास तो अवश्य हुआ। निकम्मा बैठे रहने की बजाय ठोकर खाकर गिरना ज्यादा श्रेष्ठ है। जीवन में लगने वाली ठोकर, ठोकर नहीं होती। हर ठोकर सम्हलकर चलने का गुरुमंत्र होती है।
-श्री चन्द्रप्रभ
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