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________________ रखकर आप तनाव से बच सकते हैं और अगर तनाव है तो भी उसे त्यागने का मार्ग अपना सकते हैं। वे नुस्खे, जीवन की कला के ऐसे जीवित अमृतमंत्र हैं, जिनको अपनाने से हमें कभी तनाव नहीं होगा। तो पहली बात- अगर हम अपने जीवन में ध्यान रख सकते हैं तो मैं कहूँगा कि जीवन में चाहे जैसी परिस्थितियाँ आएँ, आप किसी भी परिस्थिति से विचलित मत होइए। उस विपरीत परिस्थिति का सामना कीजिए, उस समय अपनी बुद्धि का श्रेष्ठतम उपयोग कीजिए। आपके पास जितनी भी ईश्वरप्रदत्त, प्रकृतिप्रदत्त बुद्धि है उसका श्रेष्ठतापूवर्क उपयोग कीजिए। आप पाएंगे कि आप अपनी विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में समर्थ हो चुके हैं। माना कि आपके आसपास चार लुटेरे आ चुके हैं और आप अकेले हैं। अगर आप पहले ही क्षण यह सोच बैठे कि अब मैं क्या करूँगा तो तत्क्षण ही आपके भीतर तनाव पैदा हो जाएगा और आप कोई निर्णय करने में सक्षम न रहेंगे। लुटेरे आएँगे, आपको लूटेंगे और जाते समय मारकर भी चले जाएँगे। जब जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ आती हैं तो उन्हें हम जीवन की सबसे बेहतरीन कसौटी समझें और उन क्षणों में ही अपनी बुद्धि का श्रेष्ठतम उपयोग करें। वे ही हमारी शिक्षा, हमारी समझ, हमारी शांति की कसौटी बनते हैं और तब हम उन विपरीत परिस्थितियों को पार कर लेने का सामर्थ्य भी अपने भीतर सँजो पाते हैं। अपनी पूरी चतुराई, पूरी बुद्धिमानी, पूरे माधुर्य का आप उपयोग कर डालें और इस तरह से आप विपरीत परिस्थितियों का सामना करें। आप पाएँगे, घटना घट गई पर किसी घटना ने आपको तनाव नहीं दिया। मुझे याद है अपने बचपन में पढ़ी हुई वह घटना कि जहाँ जंगल में रहने वाले पक्षियों को बहुत तेज प्यास लगती है और पक्षी भटकते-भटकते एक ऐसे घड़े के पास पहुँचते हैं जिसके तल में कुछ पानी है। यह घटना जितनी मुझे याद है, लगभग उतनी ही आपको भी याद होगी। घटना मुझे बार-बार प्रेरित करती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि तथा समझ का कैसे उपयोग किया जाता है? यह घटना बताती है कि उस घड़े के ७४ आपकी सफलता आपके हाथ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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