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________________ आप स्वयं को भी भोजन प्रदान न करें। जब हम अपने लिए एक बोरी गेहूँ की व्यवस्था कर सकते हैं, तो क्या हम किसी दुःखी जीवजन्तु के लिए चार रोटी की व्यवस्था नहीं कर सकते? __ मैं अनुरोध करना चाहूँगा हर किसी व्यक्ति से जो धर्म में दो पैसा खर्च करने की भावना रखते हैं। मैं हर किसी से कहूँगा कि रोजाना वह दस रुपये निकाले- केवल दस रूपये! हर सुबह आप जब धन्धा करने जैसे ही निकलें, उससे पहले जो गुल्लकपेटी है उसमें दस रुपये डाल दें। मैं केवल दस रुपये मांग रहा हूँ। कोई लम्बी-चौड़ी माया नहीं मांग रहा हूँ। मेरी समझ से जो लोग गुटका खाते हैं, सिगरेट पीते हैं, उनके लिए तो खाया और थूका, इससे ज्यादा उनके लिए होना ही क्या है? हर कोई व्यक्ति केवल दस रुपये अपनी ओर से निकाले, और गुल्लक में डाले। उसने मानो एक महीने में तीन सौ रुपये अपनी ओर से धर्मार्थ निकाल दिये हैं। आप वे तीन सौ रुपये लेकर हर महीने किसी अनाथालय में चले जाइए, किसी विद्यालय में चले जाइए, जहाँ आपका दिल चाहे वहाँ पर जाइए। आप ऐसे जरूरतमंद व्यक्ति को ढूँढ लें जिसे धन की आवश्यकता है। उसको जिस चीज की आवश्यकता है, वह उसे लाकर दे दें। दस रुपये मुझे नहीं देने हैं, किसी समाज और ट्रस्ट को भी नहीं देने हैं। आप स्वयं अपने धन के ट्रस्टी बनें । दस रुपये निकाल कर अपनी ओर से उन्हें मानवता के लिए समर्पित कर दें। मैं जानना चाहूँगा कि आप में से कितने महानुभाव ऐसे हैं जो कि हकीकत में मानवता की सेवा के लिए दस रुपये और चार रोटी का दान कर सकते हैं । मैं चाहूँगा कि जितने लोग जिनमें मानवता की आत्मा है वे हाथ खड़ा कर संकल्प लें और इस तरह से मानवता के लिए अपने दस रुपये और चार रोटियाँ निकालें । मैं चाहुँगा कि सारे लोग हाथ खड़ा करें और मन में यह संकल्प लें कि हम हर हालत में चार रोटी और दस रूपया रोज निकालेंगे। मैं समझता हूँ कि आप लोगों ने अगर ऐसा किया तो सचमुच मनुष्य पर मानवता का जो ऋण चढ़ता है, आप उससे उऋण हो जायेंगे। तब हर दिन आपके मन में सुकून होगा कि मैंने भी सफलता के हाथों में दीजिए सहानुभूति की रोशनी १०९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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