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________________ धार्मिक समाज में बैठकर लड्डू - पेड़े बाँटें और प्रभावना के नाम पर पाँच हजार लोगों को एक-एक रुपये का सिक्का दें, तो उसमें किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन जब भी हमारी इच्छा हो जाए कि यदि हमें भक्ति करनी है संघ की, समाज की और मानवता की तो अपने उन पाँच हजार रुपयों को ले जाकर किसी भी अनाथालय में पांच दिन का भोजन समर्पित कर देना ही सही धर्म की सच्ची भक्ति और प्रभावना कहलाएगी। मैं अपना जन्म-दिन ऐसे ही मनाता हूँ। मेरे जीवन में वर्ष का जब भी कोई विशेष दिन आता है, तो मैं कोई समारोह नहीं करवाता। मैं सुबह उठकर ईश्वर की इबादत करता हूँ और उस ईश्वर को जिसे मैं उस मंदिर या मस्जिद में निहारा करता हूँ, जो दीन-दुखियों की दर्दभरी आहों में जीवित मंदिरों के रूप में चारों ओर व्याप्त है। अनाथालय में, किसी विद्यालय में या किसी अस्पताल में जहाँ पर भी सेवा की आवश्यकता होती है, वहाँ जाकर मैं अनाथ और गरीब लोगों के बीच अपनी दिनचर्या व्यतीत करता हूँ । उनकी सेवा में, मुझसे जितना भी हो सकता है, उतना समर्पित करके मैं अपना जन्म-दिन मनाया करता हूँ। यह मुझे भली भाँति बोध है कि तुम संत बाद में हो उससे पहले तुम एक इंसान हो, और जब भी मेरा किसी के प्रति कोई भी व्यवहार होता है, तो मुझे सदा इस बात का कर्त्तव्यबोध रहता है कि मुझे एक संत होकर किसी के साथ व्यवहार करने से पहले इंसान होकर उसके साथ व्यवहार करना चाहिए। जिस दिन हममें से किसी को भी इस बात का बोध हो जाएगा कि इंसान को इंसान की तरह से जीना चाहिए और इंसान को इंसान के काम आना चाहिए, उस दिन हमारे भीतर कभी ईगो या अहंकार पैदा नहीं होगा, किसी के प्रति नफरत पैदा नहीं होगी और हम किसी भी तरह से जातिवाद के व्यूह में नही घिरेंगे। तब हमारे लिए मूल्य होगा केवल मानवता का, मानवीय भावनाओं का । सहानुभूति को वह व्यक्ति नहीं जी सकता जो अपने जीवन में अहंकार रखता है या किसी के प्रति नफरत रखता है। नफरत और अहंकार सहानूभूति के दुश्मन हैं। दुनिया में किसका अहंकार रहा है? बड़े-से-बड़े सफलता के हाथों में दीजिए सहानुभूति की रोशनी Jain Education International For Personal & Private Use Only १०१ www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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