SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 25
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नाक, ललाट, सिर, बाल, मस्तिष्क के स्नायु और कोशिकाओं पर आनन्द भाव केन्द्रित करें और मन ही मन मुस्कुराएँ । आत्मनिरीक्षण करें और देखें कि यदि अब भी तनाव महसूस हो रहा है तो खिलखिलाकर हँसते हुए लोटपोट हो जायें और तनाव-मुक्ति बरकरार रखें। सकारात्मक सोच : तनाव-मुक्ति की औषधि तनाव-मुक्ति का दूसरा उपाय है- 'सकारात्मक सोच।' व्यक्ति अपनी सोच को सदैव विधायात्मक रखे। जैसी सोच होती है वैसा ही अनुकूल और प्रतिकूल हमारा जीवन होता है। किसी की छोटी-मोटी टिप्पणी पर ध्यान न दें और अपने द्वारा भी छोटी-मोटी घटनाओं पर टिप्पणी न करें। सकारात्मक सोच एक ऐसा मंत्र है जिससे चुटकियों में ही व्यक्ति तनावमुक्त हो सकता है। तनाव-मुक्ति की बेहतर औषधि है 'सकारात्मक सोच'। किसी ने हमारे लिए अच्छा किया और हमने भी उसके लिए अच्छा किया- यह जीवन की सामान्य व्यवस्था है। प्रेम के बदले में प्रेम दिया ही जाता है, लेकिन सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति की यह विशेषता होती है कि वह अपना अहित करने वाले का भी हित करता है, शत्रु में मित्रता के सूत्र तलाशने की कोशिश करता है। वह काँटे बोने वाले के लिए भी फूल बिछाता है। सकारात्मकता व्यक्ति के मनोमस्तिष्क में विपरीत चिंतन को घर नहीं करने देती। आवेश, आशंका, आग्रह आदि सोच के वे दोष हैं, जो हमें नकारात्मकता की ओर धकेलते हैं। जब भी किसी बिंदु पर सोचें, समग्रता पूर्वक और विधायक नजरिये से सोचें। प्रसन्न रहें, तनाव-मुक्ति के लिए ___ सदैव प्रसन्न रहना तनाव से बचने का अच्छा टॉनिक है। जिस प्रकार अंधे के लिए लकड़ी सहारा बनती है और बीमार के लिए दवा, वैसे ही तनावग्रस्त व्यक्ति के लिए प्रसन्नता औषधि का काम करती है। हँसने, मुस्कुराने, प्रसन्न और आनन्दित रहने से मन का मैल तो साफ होता ही है, शरीर की सम्पूर्ण कोशिकाएँ- नाड़ियाँ सक्रिय भी होती हैं। एक प्रसन्नता सौ दवा का काम करती है। मैंने सुना है, एक व्यक्ति बुखार से ग्रस्त हो गया। वह कई दिन तक 16 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003878
Book TitleKaise Sulzaye Man ki Ulzan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy