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कैसे सुलझाएँ मानसिक तनाव की गुत्थियाँ
तनाव - मुक्ति के लिए मुस्कान वैसा ही सहारा है जैसे बूढ़े के लिए लाठी ।
हजार सुख-सुविधाएँ होने के बावजूद अगर आज का मनुष्य दुःखी और उदास नजर आता है तो जरूर वह किसी न किसी मानसिक अशांति से पीड़ित है । मनुष्य के पास इतनी सुविधाएँ कभी नहीं हुई होंगी जितनी आज हैं 1 इसके बावजूद हर मनुष्य के चेहरे पर एक विशेष प्रकार का शोक और द्वंद्व झलकता है। सब कुछ होने के बावजूद अगर मन की शांति और जीवन की प्रसन्नता गायब है, तो उसका मुख्य कारण हमारे अन्तर्मन में पलने वाला तनाव है । तनाव हमारी मानसिक एकाग्रता को भंग कर देता है, जीवन की खुशहाली हमसे छीन लेता है । और तो और, दिन की रोटी और रात की नींद तक वह हराम कर देता है। आखिर यह तनाव क्या है, इसे जानबूझ कर क्यों पाला जाता है? क्या हैं इसके परिणाम और कैसे इससे उबर सकते हैं? आइए इन प्रश्नों के उत्तर हम अपने ही इर्द-गिर्द तलाशते हैं ।
रोगों का मूल, न दें इसे तूल
हर व्यक्ति जो बाहर से स्वयं को स्वस्थ बता रहा है, वह जरा मानसिक निरीक्षण करे कि उसके भीतर कहीं तनाव का रोग छिपा हुआ तो
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