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जो लोग कोरी बातें करते रहते हैं, इसके अलावा कुछ नहीं करते, उनकी बादशाहत केवल बातों से ही जुड़ी होती है। करने के नाम पर वे कंगाल होते हैं। महान् लोग अपने संदेशों को वाणी के द्वारा कहने की बजाय अपने जीवन में आत्मसात् करके ही प्रदर्शित करते हैं। दुलत्ती केवल वे ही गधे मारा करते हैं, जो किसी भी प्रकार के भार का संवहन करने में असमर्थ होते हैं। अपने कंधों पर दायित्वों का वहन करने वाले न तो दुलत्ती मारते हैं
और न ही हेकड़ी हांकते हैं। वे जिंदगी में कुछ करके दिखाने में ही विश्वास रखते हैं। जीवन में श्रम और संघर्ष करने का क्षेत्र इतना व्यापक है कि व्यक्ति जीवन भर प्रयास और पुरुषार्थ करता रहे। व्यक्ति का हर कार्य उसकी नई ताज़गी और गुणवत्ता का परिणाम लिए हुए हो। हमने जो कार्य कल किया, हम जीवन भर उसी को दोहराते न रहें। मनुष्य का मस्तिष्क किसी मशीन में ढला हुआ लोहे का सांचा नहीं है कि जिससे एक जैसे माल का उत्पादन होता रहे। हमने जो कार्य कल किया, उसमें हर दिन नया सुधार होते रहना चाहिए। कल जो कार्य किया, उसमें क्या कमी रही, हम उस ओर ध्यान दें। अपने हर कार्य में सुधारों की नई संभावनाओं को तलाशते रहें। इससे जहां कार्य के प्रति हमारी निष्ठा बढ़ती जाएगी, वहीं कार्य और उसके परिणामों का स्तर भी बेहतरीन होता जाएगा।
उजागर करें अपनी प्रतिभा क्या हमने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि किसी की सफलता और हमारी विफलता का राज क्या है? आखिर सफल होने वाला व्यक्ति किसी देवलोक का किन्नर नहीं है और विफल होने वाला व्यक्ति किसी पहाड़ की चट्टान नहीं है। सफल और असफल व्यक्ति अलग-अलग किस्म के नहीं होते, केवल उनके जीने और काम करने के तरीके अलग-अलग होते हैं। अपने कार्य के प्रति रहने वाला उनका नज़रिया ही उनकी सफलता और असफलता का बुनियादी फर्क लिए होता है।
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