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________________ आत्मविश्वास शिथिल नहीं हुआ और जीवन के बावनवें वर्ष में वह अमेरिका का राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन हुआ। क्या यह घटना हमारे लिए प्रेरणा का मंगल सूत्र बनेगी? असफल होना कोई बहुत बड़ी हानि नहीं है, लेकिन सफलता के लिए पुरुषार्थ न करना जीवन की सबसे बड़ी असफलता है। तुम्हारी सोच यदि सकारात्मक हो जाए, तो तुम सच में ही जीवन के एक गहरे आत्मविश्वास से भर उठोगे और तुम्हारा जीवन तुम्हारे लिए बोझ न होगा, वरन् हर रोज जीवन की फिर से शुरुआत करने वाला बचपन भर होगा। जीवन बोझ नहीं है बहुत पहले मैंने आपसे एक छोटी-सी कहानी कही थी-बारह वर्ष की एक बालिका तीन वर्ष के बालक को अपने कंधे पर बिठाए हुए पहाड़ी रास्ता पार कर रही थी। बालिका छोटी थी। रह-रहकर उसका सांस भर उठता। पहाड़ी रास्ते से गुजर रहे एक अन्य राहगीर ने उससे कहा-ओह बेटा, कंधे पर बड़ा भार है, थक गई होगी। बालिका ने उसकी निःश्वास भरी आवाज सुनी और उसने विश्वासपूर्वक तपाक से कहा-मिस्टर, तुम्हारे लिए यह भार होगा, मेरे लिए तो यह मेरा भाई है। उसने यह कहते हुए अपने छोटे भाई का माथा चूमा और प्यार से उसे गोद में लेकर दूने उत्साह के साथ आगे बढ़ चली, मंजिल पर पहुंच गई। यदि भार माना, तो जीवन का छोटा-से-छोटा कृत्य भी तुम्हारी चेतना को नपुंसक कर बैठेगा; यदि भाई माना, कर्त्तव्य माना, तो तुम्हें भार भी बोझिल नहीं लगेगा। तुम अपने आपको उतना ही हलका पाओगे, जितना पानी में तैरते वक्त अपने आपको। समग्रता से सोचें व्यक्ति के स्वस्थ सोच के लिए दूसरा संकेत यह दूंगा कि व्यक्ति सकारात्मकता के साथ हर बिंदु पर समग्रता से सोचे, व्यग्रता से नहीं। आवेश और आक्रोश ___107 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003877
Book TitleJiye to Aise Jiye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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