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________________ सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए समय हम ‘पास' नहीं कर रहे हैं बल्कि समय हमें पास कर रहा है। लोग ताश खेलने में अपना समय बरबाद करते हैं। दिन भर ताश के पत्ते मारते रहते हैं। उनके पास कोई काम ही नहीं है। वे निट्ठले हैं। उनको कोई कह दे कि तुम फालतू हो तो वे चिढ़ जायेंगे। वे फालतू काम कर रहे हैं तब तो उन्हें चिढ़ नहीं लगती। हम लोग व्यर्थ के कामों में अपना बहुत समय व्यर्थ कर देते हैं। वह समय जिस समय में हम अपने जीवन के लिए काफी कुछ कर सकते थे, वह समय हम लोग बरबाद कर रहे हैं। मूल्यवान है समय। मूल्यवान है जीवन। समय का सार्थक उपयोग करना जीवन को मूल्यवान बनाने की ही पहल है। अगर इस्लाम और ईसाईयत की नज़र से देखें तब तो यही कहते हैं कि आदमी को केवल एक ही जन्म मिलता है अतः जो कुछ करना है, तुम्हें इसी जन्म में कर लेना होगा। हिन्दू, जैन और बौद्ध लोग पुनर्जन्म में आस्था रखते हैं। इसलिए अगले जन्म में भी, शायद इस जन्म में जो कुछ भी कमी रह गई है, उसे पूरा कर लेंगे। मगर इस्लाम-ईसाईयत को देखें तो वे कहते हैं कि अगला जन्म इतना जल्दी नहीं आएगा। अत: जो कुछ करना है इसे इसी जन्म में कर लो, फिर तो पता नहीं कयामत का दिन कब आएगा और अल्लाह अपना हंटर उठायेंगे और जो-जो फैसला देना होगा, वे देंगे। जिसको जन्नत में भेजना होगा उसे जन्नत में भेजेंगे। जिसे जहन्नुम में डालना होगा, उसे जहन्नुम में डालेंगे। वह तो जब होगा, तब होगा। कहते हैं : ‘जीवन छोटा है' पर मुझे लगता है जीवन बहुत बड़ा है। अरे साठ साल, सत्तर साल, सौ-सौ साल का जीवन ! एक साल में तीन सौ पैंसठ दिन, एक दिन में चौबीस घंटे, एक घंटे में साठ मिनट, एक मिनट में साठ सैकंड! अरे बाप रे! इतना बड़ा जीवन! कोई उपयोग करके जाने तो पता चले कि जीवन कितना विराट् है। एक जीवन में भी कितना कुछ किया जा सकता है। मगर जिन्हें कुछ बोध ही नहीं है, उन्हें लगता है कि कल तो पैदा हुए और आज मर जायेंगे। कोई चालीस साल की कच्ची उम्र में मर गया तो तुम्हें लगता है कि चालीस साल थोड़े थे। चालीस साल Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003875
Book TitleSakaratmak Sochie Safalta Paie
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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