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क्या करें कामयाबी के लिए ?
नहीं हो सकेंगे। योजनाएँ बनाने भर से क्या होगा ? सरकार कितनी योजनाएँ बनाती है किन्तु सारी योजनाएँ कागज पर ही रह जाती हैं। जब तक सरकार और प्रशासन उसे मूर्तरूप देने के लिए प्रतिबद्ध न होंगे तब तक योजनाएँ मात्र योजनाएँ ही रह जाएगी। कागज पर हिमालय का चित्र बना देने से हिमालय पर घूमने का आनंद न आ सकेगा। उसके लिए मेहनत करनी होगी, लगनपूर्वक कड़ी मेहनत करनी होगी ।
सफलता के लिए हम अपने सोये पुरुषार्थ को जगाएँ । गीता हमें पुरुषार्थ की प्रेरणा देती है। व्यक्ति अपने मन की कमजोरियों पर विजय प्राप्त करे । मन की नपुंसकता किस काम की ? अपने भाग्य का फल पाना है तो पुरुषार्थ को जगाएँ ।
निर्बल से लड़ाई बलवान की, की।
यह कहानी है दीये की और तूफान
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'प्रदीप' के ये बोल बड़े प्रेरणादायी हैं। निराश और हताश युवा पीढ़ी को ये शब्द परिस्थितियों से जूझने का साहस देती हैं । संघर्ष तो करना ही होगा । घर बैठे भाग्य नहीं फलता । हमें मंदिर में पुजारी के द्वारा जलाए जाने वाले दीपक की तरह निरन्तर जलना और जूझना होता है। आशा, विश्वास और उम्मीदों के चिराग आंधियों से नहीं बुझते। हालांकि यह सच है कि जिस तरह की परिस्थिति से युवा पीढ़ी को गुजरना पड़ रहा है, उसके चलते तो उसे अपनी उम्मीदों का दीया लड़खड़ाता नज़र आता है । दिन-रात की पढ़ाई और हजारों-लाखों रुपयों की कुर्बानी उसे चिन्तित और कुंठाग्रस्त कर रही है। मैं आप लोगों से कहूँगा कि आप सरकारी नौकरी पाने के लिए इतने लालायित न हों । उसकी एक सीमा है, वह सबको नहीं मिल सकती। आप निजी क्षेत्र में ही अपनी बुद्धि और प्रतिभा का उपयोग करें। शुरू में भले ही परेशानी या कठिनाई हो, पर ध्यान रखो कि शान्त समुद्र में कोई व्यक्ति कुशल नाविक नहीं बन सकता। श्रम करना होगा, संघर्ष करना होगा, असफल भी होंगे, पर आप अपनी दूरदृष्टि और कार्यकुशलता से सफलता अवश्य अर्जित कर लेंगे ।
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