________________
द्वारा उपेक्षित है। मंदिर भी केवल पुण्यात्माओं के लिए ही नहीं होते, वरन पापियों के लिए भी होते हैं, ताकि वे वहां जाकर अपने पापों को समर्पित कर सकें, पापों का प्रक्षालन कर सकें । पुण्यात्माओं को तो अपने पुण्यों का फल भोगने के लिए हज़ार-हज़ार जगह हैं, लेकिन पाप से घिरे लोगों के प्रायश्चित के लिए तो वही एक शरणगाह है ।
आदमी के मन में पापियों के लिए सहानुभूति हो । जीसस कहा करते थे कि मैं इस धरती पर पुण्यात्माओं के लिए नहीं आया, वरन पापियों को उनके पापों का प्रायश्चित कराने के लिए आया हूं । मेरी ज़रूरत ज्ञानियों को नहीं, अज्ञानियों को है, रईसों को नहीं, उन निर्धनों और असहायों को है, जिनकी सहायता के लिए और कोई आगे नहीं आता। आदमी, आदमी के काम आए और जाने कि इंसानियत का क्या मूल्य है, क्या अर्थ है ? वह जाने कि आख़िर मानव-धर्म क्या है ? आदमी, आदमी के काम आए, औरों के दिलों में जगह बनाए ।
साकार हो सेवा की भावना
बात उन दिनों की है, जब टेरेसा ने अपने सेवा के संकल्प को भारत में क्रियान्वित करना शुरू ही किया था। शुरुआती दौर में उनका बहुत विरोध हुआ, पर वह सेवा में लगी रहीं। काली माता के मंदिर का पुजारी, जो टेरेसा का कट्टर विरोधी था, हैज़े का शिकार हो गया । वह मंदिर के बाहर पड़ा तड़प रहा था, तभी टेरेसा की नन आईं और पुजारी को स्ट्रेचर पर डालकर अस्पताल ले गईं । बंगाली टेरेसा का विरोध करते हुए उस गृह - चिकित्सालय के बाहर नारेबाजी कर रहे थे । इंस्पेक्टर, जिसने टेरेसा को कलकत्ता से निकालने का बीड़ा उठा रखा था, उसने जब टेरेसा को पुजारी की जिस क़द्र सेवा और उसके स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते देखा, तो उसकी आंखें भर आईं। उसने तब भीड़ से कहा, 'टेरेसा हमारे लिए एक प्रेरणा है, आदमी होकर आदमी के काम आने की ' जिस दिन भारतीय नारियां इस क़द्र सेवा के लिए आगे बढ़ आएंगी, यह सारा देश टेरेसाओं
1
भरा होगा। क्या हममें से कोई टेरेसा बनने को तैयार है ? आदर्शों की ऊंची बात करने वाले क्या सच्चाई की दहलीज पर क़दम रखना चाहेंगे?
Jain Education International
47
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org