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लोग सलाह लेते नहीं हैं, देते हैं । अभी मेरे सिर पर फोड़ा हो गया है । आपको पता है अब तक मुझे कितनी सलाह मिल चुकी है ? लगभग डेढ़ हजार । जिसकी भी इस पर नज़र पड़ती है अपनी बेशकीमती सलाह अवश्य दे देता है । हर आदमी दूसरे को सलाह दे रहा है। अरे भाई, जरा उसको भी तो अपनी सलाह को जी लेने दो। उसमें धैर्य होगा, सहनशीलता होगी, परिपक्वता होगी । शरीर जो अपना रासायनिक परिवर्तन कर रहा है, धैर्यपूर्वक उसे भी तो अवसर दो ।
मैं कहना चाहता हूं कि हर व्यक्ति के भीतर परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता है । बस, जरूरत है केवल उस समझ और धैर्य की, जो आपको आपकी क्षमता की पहचान करवाए।
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आत्मविश्वास हमें हमारे लक्ष्य निर्धारण में भी सहायता देता है । हर व्यक्ति का अपने जीवन का उन्नत लक्ष्य होना चाहिए। यदि आप अपने पूरे जीवन का लक्ष्य निर्धारित न भी कर पाएं, तब भी अपने हर नए वर्ष का लक्ष्य निर्धारित करें । यदि हर वर्ष का लक्ष्य निर्धारित न हो सके, तो आप अपने हर महीने का लक्ष्य निर्धारित करें। संभव है महीने का लक्ष्य भी निर्धारित न हो पाए, तो आप अपने हर सप्ताह का लक्ष्य निर्धारित करें। यदि सप्ताह भी ज्यादा लगे, तो आप अपने हर दिन का लक्ष्य बनाएं। न केवल लक्ष्य बनाएं वरन् उसे पूरा करने के लिए पूरी मेहनत भी करें ।
हमारा आत्मविश्वास हमें हमारे निर्णय करने की क्षमता प्रदान करता है । अपने जीवन में तत्काल निर्णय करने की क्षमता केवल उन्हीं लोगों में हुआ करती है, जिनका अपनी सोच, दिमाग और अपनी क्षमता पर विश्वास होता है ।
इंटरव्यू में उपस्थित हुए एक युवक से यह पूछा गया कि 'तुमने अपने जूते दरवाजे के दाईं ओर खोले हैं या बाईं ओर ? जवाब मिला, 'बाईं ओर । पूछा गया, 'तुम्हारी कमीज पर बटन कितने हैं' तत्काल जवाब मिला, 'करीब पांच-छः' । कंपनी के मालिक ने पूछा, 'जरा यह बताओ यदि तुम्हारी कमीज का ऊपर का बटन टूट जाए, तो तुम क्या करोगे?' युवक का जवाब था, 'नीचे का बटन निकाल कर ऊपर लगवा दूंगा।' मालिक ने पूछा, 'अगर एक बटन और टूट जाए तो ?'
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