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________________ स्वीकार करें । सदैव स्वीकार करें जो होता है सो अच्छे के लिए होता है। अगर यह भी न स्वीकारें तो यह तो जीवन का सच है कि वही होता है जो होना होता है। 11 कहें तो सुनें भी अगला क़दम है : दूसरों के व्यवहार का हमेशा सही अर्थलगाएँ। किसी ने आपसे कोई बात कही है तो उसे सही अर्थों में ग्रहण करें। माना कि आपने किसी को फोन किया और वह नहीं मिला तो आपने संदेश दिया कि जब आएँ तब बात करा देना और किसी कारणवश वापस फोन नहीं आया तो आप रुष्ट हो गए कि उसने वापस फोन क्यों नहीं किया।नाराज़ न हों। संभव है सामने वाले ने फोन किया हो और न मिला हो। हो सकता है कि आपने जो नंबर दिये वह बच्चे ने ग़लत लिख लिया हो या हो सकता है कि सामने वाला व्यस्त रहा हो और यह भी हो सकता है कि उसे संदेश ही न मिला हो। इसलिए कभी भी किसी के व्यवहार का ग़लत अर्थ न निकालें। आपको अपनी बातें दूसरों से कहने की आदत है, तो दूसरों की बातें सुनने की भी आदत डालें। घर में बच्चा भी है, पत्नी-बहु, बेटी भी है। उनकी बातों को नज़र अंदाज़ न करें। उनकी बातें भी धैर्यपूर्वक, शांतिपूर्वक सुनने का प्रयास करें। अगर आप दूसरों की बात सुनने की आदत डालेंगे तो आपको उसका व्यवहार नहीं चुभेगा। खुले दिल से करें तारीफ़ सफल व्यवहार के लिए अगला सूत्र है -- जीवन में ईमानदारी से औरों की प्रशंसा करें। चापलूसी की कोशिश न करें। ग़लती सभी से होती है, लेकिन उन पर टिप्पणी करने के बजाय, उनकी प्रशंसा करने की उदारता दिखाएँ। जो ग़लती नहीं करता उसे भगवान कहते हैं और जो गलती करके सुधर जाता है उसे इन्सान कहते हैं, लेकिन जो ग़लती पर ग़लती करे उसे शैतान कहते हैं । हम 94 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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