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________________ जब कुछ बुरा घट जाए तो उसकी जिम्मेदारी भी आप ही लेना। अच्छे कार्य का श्रेय तो सभी लेना चाहते हैं, लेकिन बुरा काम दूसरे के नाम मढ़ देते हैं। ऐसा कभी न करें। उस बुरे या गलत काम की जिम्मेदारी आप स्वीकार करें, दूसरों पर न डालें। ध्यान रखें, घर में कभी किसी पर इल्ज़ाम लगाने की कोशिश न करें। अपने आप को बचाने के लिए सास-बहू पर, देवरानी जेठानी पर, जेठानी ननद पर, ननद भाभी पर दोष लगाती हैं। आप ऐसा कभी न करें। दसरे पर दोष लगाने की बजाय अपनी सोच को बेहतर बनाते हुए अपनी जिम्मेदारी खुद समझें। अगर ग़लती हो गई है तो जिम्मेदारी उठाएँ। माता-पिता को दोष न दें। भगवान को भी दोष न दें कि उसने किस माँबाप के घर में पैदा कर दिया। अपने ग्रह और नक्षत्रों को भी दोष न दें किसी ग़लत काम के लिए। देखता हूँ, अगर किसी व्यक्ति को अपने धंधे में नुकसान हो जाए तो सीधा ज्योतिषी के पास जाता है, और ज्योतिषी जन्मपत्री देखकर कह देता है, तुम्हारे शनि की महादशा थी इसलिए नुकसान लगा, फिर आदमी अपने नुकसान का सारा दोष शनि के मत्थे मंडता है। परिणामतः वह उस नुकसान से कभी उबर नहीं पाता। अच्छा होता, वह किसी शनि की दशा को दोष देने की बजाय अपनी कार्यशैली के दोषों को मिटाता तो शीघ्र ही वह घाटे से उबर जाता। अपने काम की जिम्मेदारी खुद लें। अगर ग़लत काम आपके द्वारा हुआ है तो किसी शनि की महादशा को दोष देने की बजाय अपनी सोच और कार्यशैली के दोष को पहचानें । जो अपनी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करता वह जीवन के हौंसले से पस्त हो जाता है। मुझे याद है - घर में अलमारी का काँच फूट गया। सास ने बहू से पूछा बेटा, यह काँच किसकी गलती से फूटा।' बहू ने कहा 'मम्मी! यह काँच तो आपके बेटे की गलती से फूटा।' सास ने कहा बेटे की गलती से ? बताओ तो क्या हुआ, वह काँच से क्या कर रहा था।' 'मैं गुस्से में थी', बहू ने कहा मैंने आपके बेटे को मारने के लिए बेलन फेंका, आपका बेटा नीचे झुक गया तो बेलन काँच पर जा लगा। ग़लती सरासर आपके बेटे की ही है।' 88 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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