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________________ जिन परिवारों में खुशियाँ नहीं होतीं उन्हें ईद मनाकर खुशियाँ मनानी पड़ती है, जहाँ परिवार में प्रेम और आनन्द नहीं होता उन्हें होली पर खुशियाँ पानी पड़ती हैं और जिन लोगों के अन्तर्मन में प्रेम और शांति के दीप नहीं जलते उन लोगों के लिए दिवाली आया करती है। जहाँ लोगों के घरों में खुशियाँ हैं वहाँ रोज ही होली, दीवाली और ईद का पर्व होता है। रिश्तों के अपने खास अर्थ होते हैं। हम परिवार के आपसी रिश्तों को यूं ही ऊपर-ऊपर न लें, क्योंकि इन्हीं रिश्तों में आदर होता है, इन्हीं में सम्मान होता है, हर रिश्ते में प्रेम और त्याग की भावना भी जुड़ी होती है। ___परिवार के हर सदस्य की अलग-अलग खूबियाँ होती हैं। कोई यह न सोचें कि परिवार के सभी सदस्य एक जैसा ही सोचेंगे। यह भी संभव नहीं है कि परिवार के सारे लोग एक जैसे कर्म करें, एक जैसी आदत और एक जैसा स्वभाव रखें। जैसे हर कुएं के पानी का स्वाद अलग होता है वैसे ही परिवार के हर सदस्य का स्वभाव भी अलग-अलग होता है। जैसे कुछ लोगों की खास खूबियाँ होती हैं वैसे ही कुछ लोगों की खास खामियाँ, खास कमजोरियाँ भी होती हैं। अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग स्वभाव के लोग एक परिवार में जीते हैं । इन कमजोरियों, खूबियों, खामियों और आदतों में जीते हुए भी अगर एक-दूसरे के साथ सामंजस्य के भाव बने रहते हैं तो वह परिवार समन्वित होता है। समन्वय के भावों से परिवार में खुशहाली रहती है। वहाँ भाई, भाई से टूटकर नहीं, मिलकर रहता है। ननद और भोजाई आपस में नाक सिकोड़कर नहीं, प्रेम और आत्मीयता से जीते हैं । सास और बहू एक-दूसरे से कटकर, हटकर नहीं बल्कि दूध में शक्कर जैसे घुलमिलकर रहते हैं। स्वर्ग की सावधानियाँ हाँ, परिवार को स्वर्ग बनाया जा सकता है, परिवार को खुशहाल और खुशियों से लबरेज किया जा सकता है। बस जरूरत है कुछ सावधानियों की। व्यवहार की थोड़ी-सी असावधानियाँ जहाँ परिवार को नरक बना देती हैं, वहीं 135 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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