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________________ मैं जीवन की जो बुनियादी बातें बताना चाहता हूँ, अगर उन्हें जीवन में जी लिया जाए तो जीवन का कायाकल्प हो सकता, जीवन का रूपान्तरण हो सकता है। जीवन में चिर- शांति और चिर- आनंद पाया जा सकता है। ये बातें अगरबत्ती की सुगंध की तरह हैं, जो नासापुटों में अपने आप भर जाती हैं । इन्हें आप अपने भीतर तक उतरने दें, दिमाग में रखने की बजाय दिल तक लाने की कोशिश करें । इच्छाओं का अंत कहाँ जीवन की पहली बुनियादी बात है, अगर आप अपने जीवन में शांति और आनंद पाना चाहते हैं तो दो बातों से जरूर बचें, पहली - आकांक्षाओं का मकड़जाल और दूसरी- व्यर्थ की कल्पनाँ । अगर आपके भीतर चिंता का भूत सवार है, तनाव, अवसाद है, घुटन है, विफलता के कारण कुछ कर नहीं पा रहे हैं, तो इसका मूल कारण है व्यर्थ की कल्पनाएँ और आकांक्षाओं का मकड़जाल। एक इच्छा को पूरी कर देने से क्या इच्छाएँ समाप्त हो जाती हैं? जितनी इच्छाएँ पूरी करते हैं, उतनी ही बढ़ती जाती हैं। आदमी का अंत होता है, लेकिन इच्छाओं का अंत नहीं होता । हमारी इच्छाएँ आकाश के समान अनंत है। जैसे आकाश मकान के पार समाप्त होता दिखाई देता है, लेकिन वहाँ जाकर देखने से वह फिर उतना ही दूर हो जाता है जितना पहले था। वैसे ही जीवन में इच्छाएँ चाहे जितनी पूरी करते जाएँ, फिर भी वह पकड़ से बाहर रहती हैं। ये भी पा लूं, वह भी बटोर लूं और बटोरते - बटोरते घर में कितना संग्रह करते जा रहे हैं। कभी घर में देखा है आपने कितना कूड़ा-करकट इकट्ठा कर रखा है। खाली डिब्बे काम के न थे पर रख लिये कि भविष्य में कभी काम आएँगे। ये चीज काम की नहीं है पर अभी रख लूँ भविष्य में कभी काम आएगी । हम घरों में पचास प्रतिशत सामान ऐसा रखते हैं जिनका उपयोग छह महीनों में कभी नहीं करते। बेवज़ह का संग्रह ! जो लोग बेवज़ह संग्रह करते हैं वे जीवनभर तो संग्रह करते ही हैं, मृत्यु के Jain Education International 122 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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