________________
४२
दुष्कर
दुष्परिणाम
दूरी
दृष्टि
दृष्टि
दुनिया का सबसे कठिन काम किसी के स्वभाव को
बदलना है ।
दुःखद परिणामों से बचने के लिए क्रूर और अपवित्र विचारों से परहेज़ रखिए।
जीने का उसूल
दूरी से प्रेम की पीड़ा उभरती है और स्मृतियों से निकटता की अनुभूति होती है।
परख की दृष्टि न हो तो मोतियों का क्या मूल्य होगा ?
पाँव भले ही कीचड़ में हों, किन्तु दृष्टि सदैव कमल की तरह आकाश की ओर खुली रखिए।
दृष्टि - परिवर्तन
अपनी दृष्टि बदलिए, दिशा अपने आप बदल जाती है।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org