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वास्तविक ज्ञान
विचार- पवित्रता
आत्मा पर व्याख्यान देना पांडित्य है किन्तु उसका अनुभव करना वास्तविक ज्ञान है ।
विकृत विचार
विकार मन का कीचड़ है, पवित्रता मन की सुवास ।
विकृत विचार मन का कैंसर है। इसका उपचार शुरूआत में ही कर दिया जाना चाहिए, वरना ऐसे विचार कभी भी भयावह रूप ले सकते हैं।
विकार और प्रेम
विचार
जीने का उसूल
विकार दीमक है जो प्रेम के सघन वृक्ष को खोखला कर देती है।
विचार बहते हुए पानी की तरह है। यदि आप उसमें गंदगी मिला देंगे तो वह नाला बन जाएगा और सुंगधि मिला देंगे, तो वही गंगोदक हो जाएगा।
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