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यह भाषणबाजी का व्यापार बंद करो। तुम जाओ किसी पर्वत की तलहटी में, किसी छोटे से मंदिर में अपने आपको स्थापित कर लो। तुम अपने समय को ध्यान के लिए समर्पित करो और वास्तविक सत्य को उपलब्ध करो।
मां के जो शब्द थे, वे सीधे हृदय में उतर गए-आई विश यू वुड स्टॉप दिस लेक्चर बिजनेस। डिवोर्ट योर टाइम टू मेडिटेशन एंड इन दिस वे अटेन टू रियलाइजेशन।
मैं आपको आमंत्रित करता हूं अंतरघट में लौट आने के लिए। कृत्य बहुत हुए। पाप-पुण्य, सुख-दुख की उठा-पटक बहुत हुई। ___ छातीकूटा बहुत हुआ, सिर-पच्ची बहुत हुई, बीवी-बच्चे की अठखेलियां खूब हुईं, क्रिया-कर्म बहुत हुए, अब तो मेरे मीत, विश्राम कर। विश्राम ही ध्यान है, विश्राम ही संन्यास है, विश्राम ही मुक्ति और निर्वाण है। अंतर्मन में मौन हो जा, आत्मस्थ हो जा, अंतरलीन हो जा।
बस, इतना ही कहना है। शेष, ॐ शांति।
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