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धर्म और मनुष्य का उससे सम्बन्ध
जीवन एक लम्बी तीर्थयात्रा है। जन्म के साथ यह यात्रा प्रारम्भ होती है और मृत्यु तक पहुँचकर यात्रा पूर्ण होती है। इस यात्रा में जीवन के सपाट रास्ते भी हैं और ऊबड़-खाबड़ खाइयाँ भी; कठिनाइयों की पथरीली चोटियाँ भी आती हैं तो सफलता के स्वर्ण-शिखर भी। यहाँ बसन्त-पतझड़, दोस्ती-दुश्मनी, अमीरी-गरीबी, सुख-दुःख - हर तरह की सम्भावना है। यहाँ सागर की लहरों में खेलने का आनन्द है तो डूबने का ख़तरा भी है। सुख-सम्मान की हरियाली है तो दुःखअपमान के सूखे पत्तों की खरखराहट और काँटों की चुभन भी है। यहाँ जीवन में फूल हैं तो फूलों पर मँडराने वाले भौरे भी हैं। सुबह है तो साँझ भी है। एक आँख में खुशियाँ हैं तो दूसरी में आँसू भी हैं। इसी का नाम तो जिंदगी है - हँसती-खिलती, रोती-बिलखती। ___ सुख और समृद्धि के नाम पर निरन्तर संघर्ष जारी रहता है और इस संघर्ष के साथ चलता है मनोमन एक विचित्र-सा अन्तर्द्वन्द्व, धुंए-सी घुटन, पीड़ा की काँटों-सी कसक। इस हर उठापटक से बचता है
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