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ध्यान व्यक्ति की नहीं, सम्पूर्ण/ विश्व की आवश्यकता है । जिस तरह से उच्च रक्तचाप, हृदयरोग और मानसिक तनाव की बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखते हुए अन्ततः सबको ध्यानयोग की शरण में आना होगा। एक सम्पूर्ण स्वस्थ विश्व का आनन्द पाने के लिए हर व्यक्ति ध्यान-योग- प्राणायाम को जीवन का अनिवार्य चरण बनाए ।
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- श्री चन्द्रप्रभ
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