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ज़रूर करें। ध्यान करने से विचार और मन दोनों ही सुन्दर और दिव्य होते हैं । यह तो सभी जानते हैं कि सोने से शरीर को आराम और एनर्जी दोनों मिलते हैं, पर मैं बता देना चाहूँगा कि ध्यान करने से जितनी शांति, शक्ति और आराम मिलता है, वह सोने से मिलने वाले आराम से कई गुना ज़्यादा होता है। यों तो मन अशांत और भटकता रहेगा पर लयबद्ध गहरे श्वासोश्वास को साथ लो तो मन अनायास ही शांत और आराम में आ जाता है। सप्ताह में एक दिन, हर रविवार को एक घंटा प्रभु की प्रार्थना और भक्ति में अवश्य बैठो। गाने-बजाने, नाचने - झूमने, भजन-कीर्तन करने से तन-मन में एक अद्भुत दिव्यता साकार होती है।
LIFE
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