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________________ कहे हुए का अतिक्रमण करने का साहस करते हैं, देखिए इन सबकी शुरुआत के कारण आप स्वयं ही तो नहीं हैं? इसलिए भावी पीढ़ी के निर्माण के लिए, एक सफल और समृद्ध देश व समाज के निर्माण के लिए ज़रूरी है कि अभिभावक अपने घर का वातावरण ठीक करें। व्यक्ति के गार्जियन ही उसके पहले गुरुजन होते हैं। गार्जियन गुरु का काम भी करें। कहीं ऐसा न हो कि पोता अपने दादा की अंगुली पकड़ते हुए भी शर्माए। अगर हममें गलत आदत या व्यवहार हैं तो उसे आज ही घर से बाहर निकालने का संकल्प कर लें। मैं चाहता हूँ कि मेरा घर अच्छा हो, मेरे पड़ौसी का घर अच्छा हो, मेरे पूरे समाज और देश का माहौल अच्छा हो। ऐसा करने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने घर के माहौल को ठीक करें। अच्छे माहौल में बच्चा तो क्या, आपका कर्मचारी भी अच्छा काम करेगा और बुरे माहौल में कर्मचारी का भी मन नहीं लगेगा। उसमें कार्यक्षमता होते हुए भी वह अच्छा कार्य नहीं कर पाएगा। चाहे आपके घर का बच्चा हो या कर्मचारी, घर के माहौल का उस पर सबसे पहले प्रभाव पड़ता है। ‘एक न्यायाधीश ने चोर को छ: साल की सजा सुनाई। चोर ने कहा, 'ठहरो, मैं इस सजा को अकेले नहीं भोगूंगा। मेरा बाप भी इस सजा को भोगेगा।' जज ने कहा, 'चोरी तुमने की, बाप सजा क्यों भोगेगा?' चोर ने कहा, 'इसलिए, क्योंकि वह जानता था कि मैं चोरी कर रहा हूँ और उसने मुझे कभी चोरी करने से नहीं रोका। जितना गुनाहगार मैं हूँ, मेरा पिता भी उतना ही गुनाहगार है।' अगर पुत्र बिगड़ रहा है तो इस कारण कि माता-पिता उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आप अपने बच्चे को चाहे जितना प्यार करें पर जरूरत पड़ने पर उसे समझाएँ, डाँटे और कभी एकाध चपत लगाने से भी न चूकें। ___जब किसी लड़के ने किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ की, तो पुलिस उसे पकड़ने आ गई। लड़के के पिता को जब इस बात का पता चला तो उसने पुलिस को यह कहते हुए ५०००/- की रिश्वत दी कि उसके बेटे की ऐसी पिटाई की जाए कि वह भविष्य में फिर किसी के साथ ऐसा काम न करे। बेहतर जीवन का बेहतर नज़रिया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003856
Book TitleWah Zindagi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2005
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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