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________________ व्यक्तित्व निर्माण में मदद मिलती है। छठा लाभ : हमारा कैरियर अपने आप अच्छा बनने लगता है । सातवाँ लाभ : अच्छे नज़रिये वाले की भाषा भी शालीन, मधुर और विनम्र हुआ करती है। वहीं अगर नज़रिया छोटा है, हीन है तो पहला नुकसान यह है कि व्यक्ति निराशा, तनाव, अवसाद और घुटन में जीता है। दूसरा नुकसान यह है कि उसके भीतर कार्य करने की उत्सुकता, उ र्जा और उमंग नहीं रहती । वह हमेशा छोटी-छोटी बातें सोचता रहता है । वह यह नहीं सोचता कि दूध शुद्ध दूँ, बल्कि वह यह सोचता है कि दूध में पानी कैसे मिलाऊँ? घटिया नज़रिये वाला सोचता है कि मिर्ची में दूसरा पाउडर कैसे मिलाऊँ, चाय की पत्ती में लकड़ी का बुरादा - रंग मिलाकर कैसे घोटूं ? नज़रिया हल्का है, छोटा है, खोटा है, घटिया है इसलिए व्यक्ति के सारे कार्यकलाप भी घटिया स्तर के होते हैं। तीसरी हानि यह है कि वह लक्ष्यहीन ज़िन्दगी जीता है। जीवन में मिलने वाली विफलता और असम्मान के पीछे एक कारण हमारी छोटी सोच, छोटी दृष्टि ही है । अपनी सोच को, अपनी मानसिकता को विराट और उदार, मैत्रीपूर्ण और क्षमापूर्ण बनाकर देखिए, लोग आपको दिल में बैठाकर रखेंगे । - छोटी और स्वार्थी सोच होने के कारण ही इस देश का स्तर गिरा है । उसके नैतिक मूल्यों में गिरावट आई है। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी बढ़ी है । दहेजप्रथा को बढ़ावा मिला है। शराब पीने जैसी मनोवृत्ति का बेतहाशा विस्तार हुआ है। घर टूटे हैं, परिवार टूटे हैं। आपसी प्रेम और शांति में कटौती हुई है। आदमी खुदगर्ज़ हुआ है। अच्छा नज़रिया लेकर चलने वाले नैतिकता से, ईमानदारी से, प्रामाणिकता से अपना जीवनयापन करते हैं और वैसा ही उनका नज़रिया बनने लगता है। जैसा वातावरण होगा, वैसा ही नज़रिया बनेगा । जैसा घर का माहौल होगा, वैसा ही बच्चा बनता चला जाएगा। अपने घर का माहौल देखिए। आप जो किताबें पढ़ते हैं, उनका स्तर समझिए। आप जो टी.वी. देखते हैं, वह भी आपके नज़रिये को प्रभावित करता है । व्यापार में जो व्यवहार करते हैं, जिस बेहतर जीवन का बेहतर नज़रिया Jain Education International For Personal & Private Use Only ५३ www.jainelibrary.org
SR No.003856
Book TitleWah Zindagi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2005
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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