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४३६ विविध पूजासंग्रह नाग प्रथम. त्रिजुवन धणी, शुन्ज लछिमाला, गुण विशाला, दीए निज सेवक नणी ॥ जन्मानिषेक, महंत महिमा, करत शिवसुख पाइए ॥ त्रैलोक्यनाथ, सुदेव जिनवर, जगत् मंगल गाइए ॥ १॥ इति श्रीसाईछिशत अनिषेकाः संपूर्णाः॥
॥ अथ अढीसें अनिषेकनी गाथा ॥ ॥ इंदसम तायतिंसा, पारसीया श्रायरक लोगपालाणं ॥ श्रणिय पश्ना श्रनिजो, गग्गम दिसीणमनिसेसा ॥ १॥ चल णवश्सयं एगो, तित्तीसा तिन्नि एग चउसत्त ॥ एगी एंगो पंचय, णेया शंखा कमेणेसिं ॥२॥ ॥ अढीसें अनिषेकनो सरवालो नीचे प्रमाणे . १वैमानिक बार देवलोकना दशस तेना दश अनिल २० जुवनपतिना वीश इंजना वीश अनिषेक. ३२ व्यंतरना बत्रीश इंजना बत्रीश अनिषेक. १३ज्योतिषीअढीहीप माहेलागसचंडअनेस
सूर्य मली एकसो बत्रीशना एकसो ने बत्रीशअजित सौधर्मेनी आठ अग्रमहिषीना आठ अनिषेक. ७ ईशानेउनी आठ अग्रमहिषीना श्राउ अनिषेक.
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