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१३० विविध भूजासंग्रह नाग प्रथम नरके पड्या, सुन्नूम सरिखा वीर ॥ स ॥ सांजली हमा कमकमे, भ्रूज वबूटे शरीर ॥ स० ॥ बं० ॥
॥ श्रादि तुरिय बंध उदयथी, सत्ता सातमे टाल ॥ स० ॥ कर्मसूदन तपफल दीयो, श्रीशुजवीर दयाल ॥ स० ॥ बं० ॥७॥ ॥ काव्यं ॥ शिवतरो॥१॥शमरसै॥२॥
॥ अथ मंत्रः ॥ ॥ श्री परम ॥ नरकायुर्निगमविफलत्वाय फलानि यावागाकलश ॥गायोगायोगाति नरकायुर्निगमविफलत्वार्थमष्टम फलपूजा समाप्ता ॥॥४॥
॥इति पंचम दिवसेऽध्यापनीयवायु:कर्मसूदनार्थ पंचमपूजाष्टकं संपू. र्णम् ॥५॥ सर्व गाथा (६४)
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