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२५ मुहं ॥ अजयं अणहं अरयं अरुयं, अजियं अजियं पय पणमे ॥१॥ विझुविलसियं ॥ गया वरविमाण, दिव कणग रह तुरय पहकर सएहिं हलियं ॥ ससंनमो अरण,
कुनिथ बुलिअचल कुंमलं गय तिरीम सोहंत मनलिमाला ॥२२॥ वेढलं ॥ जंसुरसंघा सासुर संघा, वेर विउत्ता नत्ति सुजुत्ता ॥ श्रा यर नूसिय संचमर्पिमिय, सुह सुविह्मिय सब बलोधा ॥ उत्तम कंचण रयण परूविय, नासुर नूसण जोसुरिअंगा ॥ गाय समोणय
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