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विहवसारा तुह नाह प्रणाम मत्त वावारा ॥ ववगय विग्धा सिग्धं, पत्ता हिय इहियं गणं ॥ ११ ॥ पक्ष लियानलनयणं, डूरविया रियमुहं महाकायं || नहकुलिसघाय वि लिख गईद कुंनहलानोयं ॥ १२ ॥ पणयससंजमपचिव, नहमणि मा पिक्क पमित्रा पमिस्स ॥ तुह वय एपहरणधरा, सीहं कुद्धंपि न गांति ॥ १३ ॥ ससिधवल दंत मुसलं, दीहकरुल्लाल वढि उहाहं ॥ महु पिंग नयजुचलं, ससलिल नवजलहरारावं ॥ १४ ॥ जीमं म
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