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________________ शकुनशास्त्रे ग्रहण करवाथी 5ष्ट ग्रहोनी पोताने पीमा आय जे. जे मोतीनो श्राकार एक तरफ अणीदार अने बीजी तरफ चपटो होय तथा तेनो रंग जो सेहेज आकाशना रंग सरखो होय तो तेवं मोती ग्रहण करवायी पोताना अन्यनी वृद्धि थाय जे. जे मोती मध्य नागमांथी पातळु तथा बन्ने बाजुए गोळ आकारर्नु होय तेवं मोती ग्रहण करवाथी पोतानां संतानो जीवी शकतां नथी. जे मोतीनो आकार मध्य नागमांथी जामो तथा बन्ने बाजुठना लागमांधी पातळो एवो लंबगोळ आकार होय तेवू मोती ग्रहण करवाथी पोतानी स्त्रीनें तत्काळ मृत्यु थाय ने. जे मोतीनो आकार गोळ होय, पण तेनो रंग जो जरा पीळाश पर होय तो तेवं मोती ग्रहण करवाथी पोते विधान् थाय . जे मोतीनो आकार उपरथी भणीवाळो तथा नीचेथी गोळ होय थने तेनो रंग अत्यंत तेजस्वी अने सफेद होय तो ते, मोती ग्रहण करवाथी पोताना वंध्यत्वनो पण नाश थाय 3. जे मोतीनो श्राकार गोळ होय, पण ते पर जो कंश सूक्ष्म स्फोटक सरखो आकार मालुम पमे तो जाणवू के तेवू मोती ग्रहण करवाश्री पोताने कुष्ठ नामना कुष्ट रोगनी प्राप्ति थशे. जे मोतीनो आकार लंबगोळ होय अने तेना बेमा पर जो श्याम रंगनुं बिंदु होय तो जाणवू के तेवं मोती ग्रहण करवाथी पोताने तुरत दरिजीपणुं श्रावीने नेटशे. जे मोतीनो आकार गोळ होय, पण तेना मध्य जागमां लीला रंगनुं सूक्ष्म मत्स्यना आकारनुं जो त्रिह होय तो जाणवू के तेवु मोती ग्रहण करवाश्री पोताना अव्यनो तुरत विनाश थशे. जे मोतीनो आकार For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Educationa International
SR No.003841
Book TitleShakun Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1919
Total Pages120
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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