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६.
शकुनशास्त्रे घरबांधवाश्री व्यंतरनो उपजव थाय जे.जे नूमिका पर शेलमीनु वृक्ष उगेलुं होय तेवी जूमि पर घर बांधवाथी वायुनो प्रकोप थाय . जे नूमिका पर मधुक वृक्ष जगेलुं होय तेवी जूमिका पर घर बांधवाथी कुटुंबमां विविध प्रकारना रोगनी प्राप्ति थाय जे. जे नूमिका पर लोध्र नामनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबनां माणसोने अहंकारनी प्राप्ति थाय जे. जे नूमिका पर सुरंगीनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबना स्नेहनो नाश थाय बे. जे नूमिका पर कपिल वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबमां पांगु रोगनी उत्पत्ति थाय जे. जे नूमिका पर जंबीर नामर्नु वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमिका पर घर बांधवाथी कुटुंबमां क्लेशनी उत्पत्ति अती नथी. जे नूमिका पर केसर नामनां वृक्षनी उत्पत्ति थयेली होय ते नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबनी कीर्तिनी वृद्धि थती नथी. जे नूमिका पर मंदार नामर्नु वृक्ष नगेलुं होय तेवी जूमि पर घर बांधवाथी उत्तम संततिनी प्राप्ति थाय जे. जे नूमिका पर पीलु नामनुं वृक्ष जगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी उष्ट संतानोनी प्राप्ति थाय जे. जे जूमिका पर नेतर नामनुं वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबनां माणसोने दयनो रोग थाय बे. जे नूमिका पर चंपक नामर्नु वृद उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी कुटुंबनी कीर्तिनो फेलावो थाय जे. जे नूमिका पर पलाश नामर्नु वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधवाथी शाकिनी आदिकनो उपजय श्राय जे. जे जूमिका पर बिलीनुं वृद उगेलु होय
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