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तृतीयः प्रस्तावः। सुवं, श्याम रंगनुं वस्त्र पहेरीने सुq, शय्या पर बेग बेग निषा लेवी, संध्या वखते निजा लेवी, घारना उंबर पर मस्तक राखीने निजा लेवी, पोताना हृदय पर हाथ राखीने सुबुं, पोताना एक पग पर बीजो पग राखीने सुई, सूर्यास्त श्रया पहेलां नित्रा करवी, पोताना पगनी बाजुए जो शय्या उंची होय, चर्मनी शय्या पर सुबुं, शय्या पर सुगंधी पुष्पो राखीने सुई, पोताना शरीर पर पुष्पोनी माळा पहेरीने सुवं, शय्या पर बेसीनेज कंश खा, अथवा पीवु, निषा लेती वखते पोतानुं मुख जो खुट्वं रहेतुं होय, शय्या पर जो श्याम अथवा पीळा रंगनुं वस्त्र पाथरवामां श्रावे, फाटेलु अथवा जीर्ण वस्त्र पहेरीने सुबुं, पोताना मस्तक परना केशो बूटा राखीने सुq, शय्या पर सुश्ने कंश पुस्तक वांचवू, शय्या पर सुतां अकांज धुंकवू, शय्या पर सुतां थकांज मुखमां तांबूल चाव, शय्या पर रहेली धूळ अथवा कचराने सावरणीथी दूर करवो, शय्या पर सुतां थकांज अथवा बेग थकांज शस्त्र वती सोपारीना टुकमा करवा, शय्या पर सुश्ने ते पर पोताना हाथ पगो अफाळवा, शय्या पर सुती वेळाए पोताना ललाटमा रहेलु तिलक जो रहेवा देवामां आवे, शय्या पर सुती वेळाए अकस्मात् जो पोताना शरीर पर उधनां बिंडळ पके तो ते सर्व अशुजनां चिह्न जे. शय्या पर प्राये मार्बु पर दबावीने सुq ते शुजने सूचवे बे.
जाग्रत थती वेळानां शकुनो. - प्रनाते जाग्रत थतां पोतानी जे नासिकामांथी वायु वहेतो होय ते तरफनो पग प्रश्रम जूमि पर मूकवो ते शुलने सूचवे .
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