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से दुर्लभकुमार गांधी ने किया है जिसका संपादन एवं संशोधन पूज्य गणिवर्य बुद्धिमुनिजी ने बड़े ही परिश्रम के साथ सं0 २०१८ में श्री मन्मोहन यशः स्मारक ग्रंथमाला ग्रन्थाक ३० में प्रकाशित करवा दिया है अतः गुजराती भाषा-भाषी बन्धु उस प्रन्थ से लाभ उठावें।
- मुसलमानी साम्राज्य के समय जैनधर्म एवं तीर्थों की रक्षा तथा अहिंसा प्रचार का जो विशिष्ट कार्य युगप्रधान जिनचंद्रसूरिजी जैसे महान आचार्यों ने किया उसकी जानकारी सभी धर्म प्रेमी और गुरु भक्तों को होनी ही चाहिए आशा है गुरुदेव के आदर्श चरित्र से प्रेरणा ग्रहण कर जैन संघ विश्व में जैन धर्म के प्रचार का सत्प्रयत्न करेगा।
भँवरलाल नाहटा
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