SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 203
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४६ पं. सिरेमल पं. मोती सुखसागर मुक्तिसागर ऋद्धिसागर पं. ऋद्ध पं. लक्ष्मीचन्द लक्ष्मीसागर पं. पन्नालाल पुण्य सागर पं. साकलचन्द शान्तिसागर पं. सन्तराम सुमतिसागर पं. नेमचन्द पं. पूनमचन्द प्रीतिसागर पं. ज्ञानचन्द ज्ञानसागर पं० प्रीतिउदय शिष्य नीतिसागर पं. माणकौ पं. पुखराज पं. माणक पूर्णसागर मुनिसागर पं. रतनलाल 4 राजपाल पं. जोधो जयपाल पं. गण गुणपाल पं. 7 ज्ञानपाल पं. विजयलाल विनयपाल पं. सदासुख सत्यपाल पं. मोहन १. फतेपुर चूरू माणिक्यसागर पं० चारुचारित्र शिष्य, जिनभद्रशा० पं० महिमाउदय मुनेः पौत्र, जिनभद्रशा० पं० वल्लभसुन्दर गणेः शिष्य, जिनभद्रशा० ॥ सं० १९९० कात्तिक सुदि ५ जं० यु० प्र० भ० श्रीजिनचारित्रसूरिभिः 'पाल' ५ नन्दी कृता बीकानेरे ॥ Jain Educationa International पं. लालजी पं. प्यारचन्द पुण्यपाल पं. लक्ष्मीचन्द लक्ष्मीपाल मूर्तिपाल लावण्यपाल पं० सुमतिपद्म मुनेः शिष्य, क्षेमशा० पं० हितभद्र गणेः पौत्र, क्षेमशा० पं० भैरुदान मुनेः पौत्र, जिनभद्रशा० क्षेमशा० २. गिरनार खरतर गच्छ दीक्षा नन्दी सूची ७. राजगढ श्रीजिताम् पं० नित्यभद्र शिष्य, जिनभद्रशा० पं० शान्तिसौभाग्य शिष्य, क्षेमशा ० पं० लक्ष्मीप्रमृत शिष्य, कीतिरत्नशा० पं० चारित्रजय शिष्य, सागरचन्द्रशा० पं० ऋद्धिकरण शिष्य पं० ऋद्धिकरण शिष्य पं० विजयलाभ मुनेः शिष्य, क्षेमशा० पं० सुमतिपद्म मुनेः शिष्य, क्षेमशा० (श्रीजिनविजयेन्द्रसूरि हुए) पं० जयकुशल शिष्य, सागरचन्द्रशा० पं० प्रीतसागर मुनेः पं० पुण्यलाभ मुनेः शिष्य, जिनकी त्तिशा० श्रीजिताम्, जिनभद्रशा० श्रीजिताम्, जिनभद्रशा० ३. रतनगढ ८. देशनोक ४. लाडनूं ९. जूनागढ For Personal and Private Use Only ५. चूरू www.jainelibrary.org
SR No.003814
Book TitleKhartar Gaccha Diksha Nandi Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta, Vinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy